मुझे नाथ अब सम्भालो

मुझे नाथ अब सम्भालो —यह भजन एक भक्त की गहरी पुकार है, जब वह जीवन के संघर्षों से थककर अपने प्रिय श्याम के चरणों में शरण मांगता है। संसार की मुश्किलें जब मन को विचलित कर देती हैं, तब भक्त को सिर्फ अपने नाथ—श्याम का ही सहारा दिखाई देता है। यह भजन उनकी कृपा और करुणा की याद दिलाता है, जो हर भक्त की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहते हैं।

Mujhe Shyam Ab Sambhalo

मैं हार कर के आया,
मुझे नाथ अब सम्भालो,
मैं ज़माने का सताया,
मुझे नाथ अब बचा लो,
मैं हारकर के आया,
मुझे नाथ अब सम्भालो।1।

एक आस है तुम्हारी,
विश्वास है तुम्हारा,
दुनिया से ये सुना है,
तू है हारे का सहारा,
बड़ी आस लेके आया,
मुझे चरणों में बिठा लो.
मैं हारकर के आया,
मुझे नाथ अब सम्भालो।2।

बदले में कुछ नहीं है,
जो मैं तुम्हें चढ़ाऊं,
आया हूँ तुमसे लेने,
तुम्हें क्या मैं देके जाऊं,
आंखों में आंसू लाया,
जितना चाहे रुला लो,
मैं हारकर के आया,
मुझे नाथ अब सम्भालो।3।

बड़ी ठोकरें जहाँ में,
तेरे ‘राज’ ने है खाई,
आखिर में मेरी किस्मत,
मुझे खाटू ले ही आई,
बेटा समझ के बाबा,
अपने गले लगा लो,
मैं हारकर के आया,
मुझे नाथ अब सम्भालो।4।

मैं हार कर के आया,
मुझे नाथ अब सम्भालो,
मैं ज़माने का सताया,
मुझे नाथ अब बचा लो,
मैं हारकर के आया,
मुझे नाथ अब सम्भालो।5।

श्याम बाबा हमेशा अपने भक्तों का संबल बनते हैं और उन्हें हर कठिनाई से उबारते हैं। यह भजन हमें पूर्ण समर्पण और विश्वास के साथ श्याम की शरण में जाने की प्रेरणा देता है। यदि यह भजन आपको पसंद आया, तो तेरा प्रेमी बाबा तुझे बुलाए आजा सांवरिया, बुलावे म्हारो सांवरो, और दिल का सुनाऊँ किसे हाल मेरे सांवरे जैसे भजनों को भी अवश्य पढ़ें और श्याम की कृपा में लीन हो जाएं। जय श्री श्याम! 🙏🎶

Share

Leave a comment