शनि देव नाम न केवल शनि देव की महिमा को दर्शाते हैं, बल्कि उनके विभिन्न स्वरूपों और शक्तियों का भी प्रतीक हैं। हिंदू धर्मग्रंथों में कई Shani Dev Names का उल्लेख मिलता है, जिनमें से प्रत्येक नाम उनकी विशेषता को दर्शाता है। चाहे आप शनि दोष से मुक्ति पाना चाहते हों या उनकी कृपा प्राप्त करना चाहते हों, शनि देव नाम का जाप करना अत्यंत लाभकारी है-
100+ Shani Dev Names, उनका मंत्र और महत्व
| S.N. | Shani Dev Names | Mantra | Meaning |
| 1 | शनैश्चर | ॐ श्री शनैश्चराय नमः। | धीरे चलने वाले |
| 2 | शान्त | ॐ शान्ताय नमः। | शांत स्वभाव वाले |
| 3 | शरण्य | ॐ शरण्याय नमः। | रक्षा करने वाले |
| 4 | सर्वाभीष्टप्रदायिन् | ॐ सर्वाभीष्टप्रदायिने नमः। | सभी इच्छाओं को पूर्ण करने वाले |
| 5 | नीलच्छत्र | ॐ नीलच्छत्राय नमः। | जो नीले छत्र से युक्त हैं |
| 6 | आर्यगणस्तुत्य | ॐ आर्यगणस्तुत्याय नमः। | जो श्रेष्ठ आर्यों द्वारा स्तुति किए जाते हैं |
| 7 | काठिन्यमानस | ॐ काठिन्यमानसाय नमः। | जिनका मन कठोर और अडिग है |
| 8 | घननीलाम्बर | ॐ घननीलाम्बराय नमः। | जो गहरे नीले वस्त्र धारण करने वाले हैं। |
| 9 | खगेश | ॐ खगेशाय नमः। | जो ग्रहों (नभचर) के स्वामी हैं |
| 10 | खेचर | ॐ खेचराय नमः। | जो आकाश में विचरण करने वाले हैं |
| 11 | पशूनां पति | ॐ पशूनां पतये नमः। | जो समस्त प्राणियों के स्वामी हैं |
| 12 | वशीकृतजनेश | ॐ वशीकृतजनेशाय नमः। | जो आत्म-संयमित जीवों के स्वामी हैं |
| 13 | विशेषफलदायिन् | ॐ विशेषफलदायिने नमः। | जो विशिष्ट फल देने वाले हैं |
| 14 | अशेषजनवन्द्य | ॐ अशेषजनवन्द्याय नमः। | जो सभी जीवों द्वारा पूजनीय हैं |
| 15 | तामस | ॐ तामसाय नमः। | जो तमोगुण से संबंधित हैं |
| 16 | तनुप्रकाशदेह | ॐ तनुप्रकाशदेहाय नमः। | जिनका शरीर हल्का और चमकदार है |
| 17 | धनुर्मण्डलसंस्था | ॐ धनुर्मण्डलसंस्थाय नमः। | जो धनुष के चक्र में स्थित हैं |
| 18 | धनदा | ॐ धनदाय नम: | जो धन प्रदान करने वाले हैं |
| 19 | धनुष्मत् | ॐ धनुष्मते नमः। | जो धनुषधारी हैं |
| 20 | पावन | ॐ पावनाय नमः। | जो पवित्र करने वाले हैं |
| 21 | भव्य | ॐ भव्याय नमः। | जो मंगलकारी और कल्याणकारी हैं |
| 22 | भानुपुत्र | ॐ भानुपुत्राय नमः। | जो सूर्यदेव के पुत्र हैं |
| 23 | भानु | ॐ भानवे नमः। | जो प्रकाशवान हैं |
| 24 | वरदाभयहस्त | ॐ वरदाभयहस्ताय नमः। | जिनके हाथ वरदान देने और भय दूर करने वाले हैं |
| 25 | वज्रांकुशधर | ॐ वज्राङ्कुशधराय नमः। | जो वज्र (गदा) और अंकुश धारण करने वाले हैं |
| 26 | वामन | ॐ वामनाय नमः। | जो वामन (बौने) स्वरूप में प्रकट हुए |
| 27 | ज्येष्ठापत्नीसमेत | ॐ ज्येष्ठापत्नीसमेताय नमः। | जिनकी पत्नी ज्येष्ठा देवी (दरिद्रता की देवी) हैं |
| 28 | श्रेष्ठ | ॐ श्रेष्ठाय नमः। | जो सर्वोत्तम हैं |
| 29 | मितभाषिण | ॐ मितभाषिणे नमः। | जो मितभाषी (संयमित वाणी वाले) हैं |
| 30 | भक्तिवश्य | ॐ भक्तिवश्याय नमः। | जो भक्ति के वश में रहते हैं |
| 31 | स्तोत्रगम्य | ॐ स्तोत्रगम्याय नमः। | जो भक्ति और स्तुति द्वारा प्राप्त किए जा सकते हैं |
| 32 | कष्टौघनाशकर्त्र | ॐ कष्टौघनाशकर्त्रे नमः। | जो अनेक प्रकार के कष्टों का नाश करने वाले हैं |
| 33 | पुष्टिद | ॐ पुष्टिदाय नमः। | जो समृद्धि प्रदान करने वाले हैं |
| 34 | स्तुत्य | ॐ स्तुत्याय नमः। | जो स्तुति के योग्य हैं |
| 35 | वरेण्य | ॐ वरेण्याय नमः। | श्रेष्ठतम |
| 36 | सर्वेश | ॐ सर्वेशाय नमः। | सभी के स्वामी |
| 37 | सौम्य | ॐ सौम्याय नमः। | कोमल स्वभाव वाले |
| 38 | सुरवन्द्य | ॐ सुरवन्द्याय नमः। | देवताओं द्वारा पूजनीय |
| 39 | सुरलोकविहारिण | ॐ सुरलोकविहारिणे नमः। | देवलोक में विचरण करने वाले |
| 40 | सुखासनोपविष्ट | ॐ सुखासनोपविष्टाय नमः। | सुखासन पर विराजमान |
| 41 | सुन्दर | ॐ सुन्दराय नमः। | सुंदर |
| 42 | घन | ॐ घनाय नमः। | ठोस स्वरूप वाले |
| 43 | घनरूप | ॐ घनरूपाय नमः। | मजबूत शरीर वाले |
| 44 | घनाभरणधारिण | ॐ घनाभरणधारिणे नमः। | लोहे के आभूषण धारण करने वाले |
| 45 | घनसारविलेप | ॐ घनसारविलेपाय नमः। | कपूर का लेप धारण करने वाले |
| 46 | खद्योत | ॐ खद्योताय नमः। | आकाश के प्रकाश |
| 47 | मन्द | ॐ मन्दाय नमः। | धीमी गति से चलने वाले |
| 48 | मन्दचेष्ट | ॐ मन्दचेष्टाय नमः। | मंद गति से क्रियाएं करने वाले |
| 49 | महनीयगुणात्मन् | ॐ महनीयगुणात्मने नमः। | महान गुणों से युक्त |
| 50 | मर्त्यपावनपद | ॐ मर्त्यपावनपदाय नमः। | जिनके चरणों की पूजा करने से मनुष्य पवित्र हो जाते हैं |
| 51 | महेश | ॐ महेशाय नमः। | महान ईश्वर |
| 52 | छायापुत्र | ॐ छायापुत्राय नमः। | छाया के पुत्र |
| 53 | शर्व | ॐ शर्वाय नमः। | नाश करने वाले |
| 54 | शततूणीरधारिण | ॐ शततूणीरधारिणे नमः। | सौ बाणों से भरे तूणीर को धारण करने वाले |
| 55 | चरस्थिरस्वभाव | ॐ चरस्थिरस्वभावाय नमः। | जो स्थिर गति से चलते हैं |
| 56 | अचञ्चल | ॐ अचञ्चलाय नमः। | अडिग और अचल |
| 57 | नीलवर्ण | ॐ नीलवर्णाय नमः। | नीले रंग के |
| 58 | नित्य | ॐ नित्याय नमः। | सदैव रहने वाले |
| 59 | नीलाञ्जननिभ | ॐ नीलाञ्जननिभाय नमः। | नीलांजन (काजल) के समान रंग वाले |
| 60 | नीलाम्बरविभूशण | ॐ नीलाम्बरविभूशणाय नमः। | नीले वस्त्र धारण करने वाले |
| 61 | निश्चल | ॐ निश्चलाय नमः। | अचल और स्थिर |
| 62 | वेद्य | ॐ वेद्याय नमः। | जिसे जानना आवश्यक है |
| 63 | विधिरूप | ॐ विधिरूपाय नमः। | जो धर्म के स्वरूप हैं |
| 64 | विरोधाधारभूमी | ॐ विरोधाधारभूमये नमः। | विरोधों को सहन करने का आधार |
| 65 | भेदास्पदस्वभाव | ॐ भेदास्पदस्वभावाय नमः। | जिनका स्वभाव भेद को स्थान देने वाला है |
| 66 | वज्रदेह | ॐ वज्रदेहाय नमः। | जिनका शरीर वज्र के समान कठोर है |
| 67 | वैराग्यद | ॐ वैराग्यदाय नमः। | वैराग्य प्रदान करने वाले |
| 68 | वीर | ॐ वीराय नमः। | शूरवीर |
| 69 | वीतरोगभय | ॐ वीतरोगभयाय नमः। | जो रोग और भय से मुक्त हैं |
| 70 | विपत्परम्परेश | ॐ विपत्परम्परेशाय नमः। | कष्टों की शृंखला के स्वामी |
| 71 | विश्ववन्द्य | ॐ विश्ववन्द्याय नमः। | पूरे विश्व में वंदनीय |
| 72 | गृध्नवाह | ॐ गृध्नवाहाय नमः। | गिद्ध को वाहन बनाने वाले |
| 73 | गूढ़ | ॐ गूढ़ाय नमः। | गूढ़ (गुप्त) रहने वाले |
| 74 | कूर्माङ्ग | ॐ कूर्माङ्गाय नमः। | कछुए के समान शरीर वाले |
| 75 | कुरूपिण | ॐ कुरूपिणे नमः। | अनोखे रूप वाले |
| 76 | कुत्सित | ॐ कुत्सिताय नमः। | जिन्हें तुच्छ समझा जाता है |
| 77 | गुणाढ्य | ॐ गुणाढ्याय नमः। | असीम गुणों से युक्त |
| 78 | गोचर | ॐ गोचराय नमः। | ज्ञान और अनुभव के क्षेत्र में स्थित |
| 79 | अविद्यामूलनाश | ॐ अविद्यामूलनाशाय नमः। | अज्ञान के मूल का नाश करने वाले |
| 80 | विद्याविद्यास्वरूपिण | ॐ विद्याविद्यास्वरूपिणे नमः। | जिनका स्वरूप ज्ञान और अज्ञान दोनों में समाया है |
| 81 | आयुष्यकारण | ॐ आयुष्यकारणाय नमः। | दीर्घायु प्रदान करने वाले |
| 82 | आपदुद्धर्त्र | ॐ आपदुद्धर्त्रे नमः। | संकटों से उबारने वाले |
| 83 | विष्णुभक्त | ॐ विष्णुभक्ताय नमः। | भगवान विष्णु के भक्त |
| 84 | वशिन् | ॐ वशिने नमः। | इंद्रियों पर नियंत्रण रखने वाले |
| 85 | विविधागमवेदिन् | ॐ विविधागमवेदिने नमः। | विभिन्न शास्त्रों और आगमों के ज्ञाता |
| 86 | विधिस्तुत्य | ॐ विधिस्तुत्याय नमः। | जो विधि-विधान से स्तुति के योग्य हैं |
| 87 | वन्द्य | ॐ वन्द्याय नमः। | जो पूजनीय और वंदनीय हैं |
| 88 | विरूपाक्ष | ॐ विरूपाक्षाय नमः। | अनेकों प्रकार की दृष्टि वाले |
| 89 | वरिष्ठ | ॐ वरिष्ठाय नमः। | श्रेष्ठतम |
| 90 | गरिष्ठ | ॐ गरिष्ठाय नमः। | अत्यंत सम्माननीय |
| 91 | नित्य | ॐ नित्याय नमः। | जो सदा स्थिर और शाश्वत हैं |
| 92 | निर्गुण | ॐ निर्गुणाय नमः। | जो किसी भी गुण से रहित हैं |
| 93 | गुणात्मन् | ॐ गुणात्मने नमः। | जो सभी गुणों के धारक हैं |
| 94 | निरामय | ॐ निरामयाय नमः। | जो समस्त रोगों से मुक्त हैं |
| 95 | निन्द्य | ॐ निन्द्याय नमः। | जो आलोचना के योग्य हैं |
| 96 | वन्दनीय | ॐ वन्दनीयाय नमः। | जो पूजनीय और सम्मान के योग्य हैं |
| 97 | धीर | ॐ धीराय नमः। | जो धैर्यवान और स्थिरचित्त हैं |
| 98 | दिव्यदेह | ॐ दिव्यदेहाय नमः। | जिनका दिव्य (अलौकिक) शरीर है |
| 99 | दीनार्तिहरण | ॐ दीनार्तिहरणाय नमः। | जो दीन-दुखियों के कष्ट हरने वाले हैं |
| 100 | दैन्यनाशकर | ॐ दैन्यनाशकराय नमः। | जो दुखों का नाश करने वाले हैं |
| 101 | आर्यजनगण्य | ॐ आर्यजनगण्याय नमः। | जो आर्य (श्रेष्ठ पुरुषों) में गिने जाते हैं |
| 102 | क्रूर | ॐ क्रूराय नमः। | जो कठोर और निडर हैं |
| 103 | क्रूरचेष्ट | ॐ क्रूरचेष्टाय नमः। | जो कठोर कर्म करने वाले हैं |
| 104 | कामक्रोधकर | ॐ कामक्रोधकराय नमः। | जो काम (वासना) और क्रोध उत्पन्न करने वाले हैं |
| 105 | कलत्रपुत्रशत्रुत्वकारण | ॐ कलत्रपुत्रशत्रुत्वकारणाय नमः। | जो पत्नी और पुत्र के बीच शत्रुता का कारण बनते हैं |
| 106 | परिपोषितभक्त | ॐ परिपोषितभक्ताय नमः। | जो अपने भक्तों का पोषण और संरक्षण करते हैं |
| 107 | परभीतिहर | ॐ परभीतिहराय नमः। | जो महान भय का नाश करने वाले हैं |
| 108 | भक्तसंघमनोऽभीष्टफलद | ॐ भक्तसंघमनोऽभीष्टफलदाय नमः। | जो अपने भक्तों की इच्छाओं को पूर्ण करने वाले हैं |

शनि देव नाम का उच्चारण न केवल मन को शांत करता है, बल्कि जीवन में सकारात्मकता भी लाता है। यदि आप शनि दोष, साढ़े साती या ढैय्या के प्रभाव से परेशान हैं, तो शनि बीज मंत्र, शनि चालीसा, और शनि स्तोत्र का नियमित रूप से जाप करें। शनि देव को सही विधि से प्रसन्न करें और उनके नामों का स्मरण कर अपने जीवन में सुख-समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करें।
FAQ
क्या इन नामों को संस्कृत में ही पढ़ना जरूरी है?
संस्कृत में पढ़ना सबसे प्रभावी होता है, लेकिन आप अपनी भाषा में भी पढ़ सकते हैं, क्योंकि भाव अधिक महत्वपूर्ण होता है।
क्या हर दिन नामों का जाप करना आवश्यक है?
यह अनिवार्य नहीं है, लेकिन नियमित रूप से जाप करने से मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
क्या नामों का जाप करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं?
हां, यदि सच्चे हृदय और श्रद्धा से जाप किया जाए तो मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं।

मैं हेमानंद शास्त्री, एक साधारण भक्त और सनातन धर्म का सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य धर्म, भक्ति और आध्यात्मिकता के रहस्यों को सरल भाषा में भक्तों तक पहुँचाना है। शनि देव, बालाजी, हनुमान जी, शिव जी, श्री कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का वर्णन करना मेरे लिए केवल लेखन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का सार भक्तों तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। जय सनातन धर्म