भगवान शिव की पत्नी देवी पार्वती को हिन्दू धर्म में एक विशेष स्थान प्राप्त है। देवी पार्वती को प्रेम, भक्ति और उर्वरता की देवी माना जाता है। कई संस्कृतियों में, देवी पार्वती के नाम पर अपने बच्चे का नामकरण करने से आशीर्वाद और समृद्धि की प्राप्ति होती है। यहाँ हम 100+ Parvati Names आपके लिए उपलब्ध करा रहे हैं, जो उनकी दिव्य महिमा को दर्शाते हैं।
यहाँ देवी पार्वती के 108 नामों के साथ उनके अर्थ और महत्व दिए गए हैं:
- अन्नपूर्णा (Annapurna) – आहार और पोषण की देवी, जो अपने भक्तों को भोजन देती हैं।
- उमा (Uma) – शांति और सौम्यता की देवी।
- पार्वती (Parvati) – हिमालय की पुत्री, भगवान शिव की पत्नी।
- काली (Kali) – काल की देवी, जो जीवन और मृत्यु के चक्र को नियंत्रित करती हैं।
- दुर्गा (Durga) – राक्षसों और बुराई से रक्षा करने वाली देवी।
- शिवा (Shiva) – भगवान शिव की स्त्री रूप, जिनकी शक्ति असीमित है।
- भगवती (Bhagwati) – देवी, जो सम्पूर्ण ब्रह्मांड की शक्ति हैं।
- महेश्वरी (Maheshwari) – महेश्वर (शिव) की पत्नी, महाशक्ति की प्रतीक।
- चन्द्रघंटा (Chandraghanta) – जिनके मस्तक पर चाँद का आकार है, जो शांतिपूर्ण और सौम्य हैं।
- गंगा (Ganga) – जिनके सिर पर गंगा नदी प्रवाहित होती है, पवित्रता और शुद्धता की देवी।
- माहेश्वरी (Maheshwari) – शिव की पत्नी, जो महाशक्ति और ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करती हैं।
- सरस्वती (Saraswati) – ज्ञान, कला और संगीत की देवी।
- चंद्रिका (Chandrika) – चाँद की तरह सुंदर और शीतल देवी।
- जगद्धात्री (Jagaddhatri) – जो समस्त विश्व की संरक्षिका हैं।
- भैरवी (Bhairavi) – जो भय और आतंक को समाप्त करने वाली हैं।
- शारदा (Sharda) – जो ज्ञान की देवी हैं, देवी सरस्वती का रूप।
- भारती (Bharti) – जो संतान के साथ समृद्धि और बौद्धिकता प्रदान करती हैं।
- त्रिपुरा सुंदरी (Tripura Sundari) – जो तीनों लोकों की सुंदरता की देवी हैं।
- कमला (Kamala) – लक्ष्मी देवी का रूप, जो समृद्धि और धन की देवी हैं।
- दुर्गामाता (Durgamata) – दुर्गा माँ की माता, जो हर संकट से मुक्ति देती हैं।
- भगवती पार्वती (Bhagwati Parvati) – देवी पार्वती के रूप में भगवती की शक्तियाँ।
- त्रिपुरेश्वरी (Tripureshwari) – जो तीनों लोकों की ईश्वर हैं।
- कांची महाकाली (Kanchi Mahakali) – महाकाली का रूप, जो कांची नगरी की देवी हैं।
- भगवती महाक्रूरी (Bhagwati Mahakroori) – जो बुराई को समाप्त करने वाली हैं।
- शीतला (Sheetala) – जो रोग और संक्रामक बीमारियों से रक्षा करती हैं।
- सुषमावती (Sushamavati) – जो सुंदरता और रूप की देवी हैं।
- चंद्रिका (Chandrika) – चाँद की सी शीतलता और सौम्यता वाली देवी।
- वागीश्वरी (Vagishwari) – वाणी की देवी, जो शब्दों और भाषा की महिमा की प्रतीक हैं।
- महाकाली (Mahal Kali) – काल के रूप में शक्तिशाली, जो हर बुराई को नष्ट करती हैं।
- त्रिपुरारी (Tripurari) – जो तीनों लोकों का विनाश करने वाली देवी हैं।
- महायोगिनी (Mahayogini) – जो योग और ध्यान की उच्चतम अवस्था को प्राप्त हैं।
- स्वर्णलता (Swarnalata) – जो सोने की लता की तरह सुंदर और समृद्ध हैं।
- रुद्राणी (Rudrani) – रुद्र (शिव) की पत्नी, जो विनाशक और रक्षात्मक शक्ति का प्रतीक हैं।
- महाशक्ति (Mahashakti) – जो असीम शक्ति की प्रतीक हैं।
- गंगा धारिणी (Ganga Dharini) – जो गंगा को अपने सिर पर धारण करती हैं।
- महादेवी (Mahadevi) – महान देवी, जो सभी देवियों की श्रेष्ठ हैं।
- अंबिका (Ambika) – जो जगत की माता हैं, अंबिका रूप में पूजी जाती हैं।
- शाकम्भरी (Shakambhari) – वनस्पति और आहार की देवी, जो अन्न देती हैं।
- कालरात्रि (Kalaratri) – रात्रि का रूप, जो समय और मृत्यु की देवी हैं।
- कात्यायनी (Katyayani) – ऋषि कात्यायन की पुत्री, जिनका रूप अत्यधिक बलशाली है।
- भ्रामरी (Bhramari) – जो भंवरे के समान सुंदर और शक्तिशाली हैं।
- जया (Jaya) – विजय की देवी, जो हर युद्ध में विजय दिलाती हैं।
- विजया (Vijaya) – वही देवी, जो हमेशा विजय प्राप्त करती हैं।
- हंसिका (Hansika) – हंस की तरह सुंदर और शांति प्रदान करने वाली देवी।
- साध्वी (Sadhvi) – जो शुद्ध और सच्ची होती हैं, साधना की देवी।
- विशालाक्षी (Vishalakshee) – जिनकी आँखें विशाल और दिव्य हैं।
- महाध्वनि (Mahadhvani) – जो उच्च और गूंजती हुई ध्वनि की देवी हैं।
- महाप्रभा (Mahaprabha) – जो महान शक्ति और प्रकाश की देवी हैं।
- ऋतंभरा (Ritambhara) – सत्य की देवी, जो धर्म और सत्य का पालन करती हैं।
- शिवरूपिणी (Shivarupini) – जो भगवान शिव के रूप में प्रकट होती हैं।
- कात्यायिनी (Katyayini) – ऋषि कात्यायन की कृपा से उत्पन्न देवी।
- रुद्राणी (Rudrani) – रुद्र (शिव) की स्त्री रूप।
- शिवशक्ति (Shivashakti) – जो शिव के रूप में शक्ति का प्रदर्शन करती हैं।
- तारा (Tara) – जो समुद्र मंथन से उत्पन्न हुई देवी हैं, तारक शक्ति की देवी।
- वैष्णवी (Vaishnavi) – भगवान विष्णु की शक्ति की देवी, जो शांति और रक्षा देती हैं।
- जयंती (Jayanti) – जो विजय की देवी हैं, हर संघर्ष में जीत दिलाती हैं।
- महामाया (Mahamaya) – जो संसार की माया को नियंत्रित करती हैं।
- राजराजेश्वरी (Rajarajeshwari) – सभी राजाओं की देवी, जो सम्पूर्ण ब्रह्मांड की माँ हैं।
- महाक्रूरी (Mahakroori) – जो बुराई और असत्य को समाप्त करती हैं।
- कदम्बिनी (Kadambini) – जो कदम्ब वृक्ष की सुंदरता की तरह होती हैं।
- शमिता (Shamita) – जो संतुलन और शांति की देवी हैं।
- महेश्वरिणी (Maheshwarini) – महेश्वर की स्त्री रूप, महाशक्ति की देवी।
- जगत्प्रिया (Jagatpriya) – जो सम्पूर्ण ब्रह्मांड की प्रिय हैं।
- हिमानी (Himani) – हिमालय की पुत्री, जो भगवान शिव की पत्नी हैं।
- त्रिलोकी (Triloki) – जो तीनों लोकों की देवी हैं।
- स्वर्णकंठी (Swarnakanthi) – जिनका स्वर स्वर्णमयी है, सुंदरता की देवी।
- सुंदरवदन (Sundaravadana) – जिनका रूप अत्यधिक सुंदर और मोहक है।
- शांति (Shanti) – जो शांति और सौम्यता की देवी हैं।
- द्रविणी (Dravini) – जो धन और ऐश्वर्य की देवी हैं।
- गौरी (Gauri) – जो उज्जवल, शुभ और पवित्र हैं।
- मङ्गलवती (Manglavati) – जो शुभ और मंगलकारी हैं।
- शान्तिप्रदा (Shantiprada) – जो शांति देने वाली देवी हैं।
- ब्रह्मवचनी (Brahmavachani) – जो ब्रह्मा के वचन का पालन करती हैं।
- विद्याप्रदा (Vidyapradha) – जो ज्ञान और विद्या प्रदान करती हैं।
- ध्यानिनी (Dhyanini) – जो ध्यान और साधना की देवी हैं।
- वृषपुत्री (Vrishaputri) – जो वृषभ (बैल) के रूप में प्रकट होती हैं।
- महाफलदा (Mahaphalda) – जो महान फल और आशीर्वाद देने वाली हैं।
- सुमित्रा (Sumitra) – जो अच्छी मित्र और संगी हैं।
- चिरंजीवी (Chiranjeevi) – जो अमर और अचल हैं।
- महापुरुषा (Mahapurusha) – जो महान पुरुषों की देवी हैं।
- अनन्ता (Ananta) – जो अनंत और अपरिमित हैं।
- पार्वत्यात्मिका (Parvatyatmika) – जो पर्वतों की आत्मा हैं।
- जगत्माता (Jagatmata) – जो सम्पूर्ण संसार की माता हैं।
- महाशिवाय (Mahashivay) – जो भगवान शिव के महाशक्ति रूप हैं।
- रासेश्वरी (Raseshwari) – जो रास और संगीत की देवी हैं।
- आद्याशक्ति (Adyashakti) – जो शुद्ध और प्राचीन शक्ति की देवी हैं।
- तारा देवी (Tara Devi) – तारक शक्ति की देवी, जो संकट से उबारने वाली हैं।
- प्रियंवदा (Priyamvada) – जो प्रिय और प्रियंकर हैं।
- महामुक्ति (Mahamukti) – जो मोक्ष और मुक्ति देने वाली हैं।
- स्तुति प्रिय (Stuti Priya) – जो स्तुतियों और प्रार्थनाओं से प्रिय हैं।
- शरारम्भिनी (Shararanbhini) – जो युद्ध और संघर्ष की देवी हैं।
- दक्षिणा (Dakshina) – जो पुण्य और श्रद्धा की देवी हैं।
- आनंदवर्धिनी (Anandvardhini) – जो आनंद और सुख को बढ़ाने वाली हैं।
- दक्षिणा मूर्तिका (Dakshina Murtika) – जो दक्षिण दिशा की मूर्तिका और महाक्रूरी हैं।
- रत्नमाला (Ratnamala) – जिनके गहनों की माला अत्यधिक मूल्यवान और सुंदर है।
- नागमणि (Nagmani) – जो नागों की मणि की तरह अद्भुत और दुर्लभ हैं।
- सर्वमंगला (Sarvamangala) – जो सर्वथा शुभ और मंगलकारी हैं।
- प्रत्युषा (Pratyusha) – जो दिन के आरंभ में सूर्योदय की तरह आती हैं।
- पद्मिनी (Padmini) – जो कमल के फूल के समान सुंदर हैं।
- दृष्ट्या (Drishtya) – जो हर किसी को दृष्टि देती हैं।
- सर्वशक्तिमयी (Sarvashaktimayi) – जो सभी शक्तियों की अधिष्ठात्री हैं।
- धर्मपत्नी (Dharmapatni) – धर्म की पत्नी, जो धर्म का पालन करती हैं।
- शक्ति (Shakti) – ऊर्जा और शक्ति की देवी, जो ब्रह्मांड की हर शक्ति का स्रोत हैं।
- हर्षप्रदा (Harshaprada) – जो सुख, खुशी और हर्ष देने वाली हैं।
- माया (Maya) – जो माया और ब्रह्मांड की सृजनकर्ता हैं।
- सिंहवाहिनी (Singhavahini) – जो सिंह पर सवार होकर युद्ध करती हैं और शत्रुओं को नष्ट करती हैं।
- रूपमती (Rupmati) – जो अत्यधिक सुंदर और रूपवान हैं।
- प्रणम्य (Pranmya) – जिनका पूजन करना हर किसी के लिए अत्यधिक शुभकारी है।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको देवी पार्वती के नाम पसंद आए होंगे। इन नामों को अपने जीवन में अपनाकर आप उनके आशीर्वाद से समृद्धि और शांति पा सकते हैं। देवी पार्वती की कृपा से आपके जीवन में हर कदम पर सफलता मिलेगी।
FAQ
कौन से पार्वती नाम लड़कियों के लिए शुभ माने जाते हैं?
अन्नपूर्णा, उमा, दुर्गा, और काली जैसे नाम लड़कियों के लिए बहुत शुभ माने जाते हैं।
क्या हम देवी पार्वती के मंत्र रोज़ जप सकते हैं?
हाँ, देवी पार्वती के मंत्रों का नियमित जाप जीवन में शांति और समृद्धि लाता है।
देवी पार्वती के नाम का हिन्दू संस्कृति में क्या महत्व है?
देवी पार्वती को प्रेम, भक्ति और उर्वरता की देवी माना जाता है। उनका नाम शक्ति, सौम्यता और करुणा का प्रतीक है।
मैं आचार्य सिद्ध लक्ष्मी, सनातन धर्म की साधिका और देवी भक्त हूँ। मेरा उद्देश्य भक्तों को धनवंतरी, माँ चंद्रघंटा और शीतला माता जैसी दिव्य शक्तियों की कृपा से परिचित कराना है।मैं अपने लेखों के माध्यम से मंत्र, स्तोत्र, आरती, पूजन विधि और धार्मिक रहस्यों को सरल भाषा में प्रस्तुत करती हूँ, ताकि हर श्रद्धालु अपने जीवन में देवी-देवताओं की कृपा को अनुभव कर सके। यदि आप भक्ति, आस्था और आत्मशुद्धि के पथ पर आगे बढ़ना चाहते हैं, तो मेरे लेख आपके लिए एक दिव्य प्रकाश बन सकते हैं। View Profile 🚩 जय माँ 🚩