शनिवार का दिन शनि देव की उपासना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन उनकी पूजा करने से सभी कष्टों का निवारण होता है और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। ये तो शनिदेव जी का वार है भजन शनि देव के इस विशेष दिन की महिमा का वर्णन करता है और हमें उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है। आइए, इस भजन के माध्यम से शनि देव की आराधना करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
Ye To Shanidev Ji Ka Vaar Hai
आया फिर आज शनिवार है,
ये तो शनिदेव जी का वार है,
तेल और दीपक तो लेके आ जाओ,
तन पे शनि जी के चढ़ा जाओ,
साढ़े साती से देते तार है भगतो का करते बेडा पार है,
आया फिर आज शनिवार है,
सूर्ये पुत्र की अध्भुत शान है प्रभु नो ग्रहो में बलवान है,
वाहन नो रुके त्यारा है होते कयूए पेय सवार है,
आया फिर आज शनिवार है,
क्रोध प्रभु को शिगर आता है,
पूजन से इनके दुःख मिट जाता,
दुष्ट भी जाते इनसे हार है दीना दंड इनका अधिकार है,
आया फिर आज शनिवार है,
शनिवार को शनि देव की पूजा करने से जीवन की सभी बाधाएँ दूर होती हैं और भक्त के सभी कार्य सफल होते हैं। जो भी सच्चे मन से शनि देव का स्मरण करता है, वह उनके आशीर्वाद से निर्भय और समृद्ध बनता है। यदि यह भजन आपको प्रेरणादायक लगा, तो शनि चालीसा, शनि अष्टक, शनि स्तोत्र, और शनि देव की आरती को भी पढ़ें और शनि देव की असीम कृपा का अनुभव करें। 🙏

मैं हेमानंद शास्त्री, एक साधारण भक्त और सनातन धर्म का सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य धर्म, भक्ति और आध्यात्मिकता के रहस्यों को सरल भाषा में भक्तों तक पहुँचाना है। शनि देव, बालाजी, हनुमान जी, शिव जी, श्री कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का वर्णन करना मेरे लिए केवल लेखन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक साधना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का सार भक्तों तक पहुँचाने का प्रयास करता हूँ। जय सनातन धर्म