पार्वती स्वयंवर मंत्र: माँ पार्वती को प्रसन्न करने का अद्भुत उपाय

पार्वती स्वयंवर मंत्र का उल्लेख अनेक धार्मिक ग्रंथों में मिलता है। भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए माता पार्वती ने कठोर तपस्या की थी और तब जेक Bhole shankar ka vivah माता पार्वती के साथ संपन्न हुआ। इस दिव्य घटना से प्रेरित होकर Parvati Swayamvar Mantra की रचना की गई, जो विशेष रूप से विवाह संबंधी बाधाओं को दूर करने एवं शीघ्र विवाह के योग बनाने इत्यादि के लिए अत्यंत प्रभावी माना जाता है।

Parvati Swayamvar Mantra

ॐ ह्रीं योगिनी योगिनी योगेश्वरी योग भयन्करी।
सकल स्थावर जन्गमस्य मुख हृदयं मम वशं।
आकर्षय आकर्षय नमः॥

Parvati Swayamvar Mantraॐ ह्रीं योगिनी योगिनी योगेश्वरी योग भयन्करी।
सकल स्थावर जन्गमस्य मुख हृदयं मम वशं।
आकर्षय आकर्षय नमः॥

अगर आप विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करना चाहते हैं, तो स्वयंवर पार्वती मंत्र का जाप अत्यंत लाभकारी हो सकता है। यह shiv parvati mantra न केवल शीघ्र विवाह में सहायक है, बल्कि वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाने में भी मदद करता है। मंत्र जाप के अंत में parvati mata ki aartiऔर om namah parvati pataye har har mahadev lyrics का जयकारा जरूर लगाएं, यह आपके पाठ के पूर्णता को दर्शाता है।

पार्वती स्वयंवर मंत्र की जाप विधि

  1. शुभ मुहूर्त का चयन करें: मंत्र जाप शुरू करने से पहले एक शुभ तिथि का चयन करें। शुक्रवार, शुक्ल पक्ष या पूर्णिमा की तिथि सबसे शुभ मानी जाती है। इन दिनों विशेष रूप से माता पार्वती की पूजा करने से ज्यादा लाभ मिलता है।
  2. स्नान और पवित्रता: मंत्र जाप के लिए शुद्धता बहुत जरूरी है। सबसे पहले, स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें और ध्यान रखें कि शरीर और मन दोनों शुद्ध हों। इसके बाद, घर के मंदिर या पूजा स्थान को भी पवित्र करें।
  3. पूजा करें: माँ पार्वती और भगवान शिव की पूजा करते वक्त गंगाजल, दूध, शहद और बेल पत्र अर्पित करें। साथ ही, माता पार्वती को सिंदूर, चूड़ी और फूल अर्पित करें। पूजा के समय, ईश्वर से अपने विवाह का आशीर्वाद मांगें।
  4. मंत्र का जाप: अब शिव पार्वती मंत्र को 108 बार रुद्राक्ष माला से जाप करें। जाप करते समय अपने मन में विवाह के अच्छे विचार और सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखें।
  5. नियमों का पालन करें: मंत्र जाप को 21 दिन तक निरंतर करें। इस दौरान, खासकर गुरुवार या सोमवार को गरीब कन्याओं को भोजन कराना और माता पार्वती को चुनरी अर्पित करना बहुत लाभकारी होता है। इस दौरान ब्रह्मचर्य का पालन और नकारात्मक विचारों से दूर रहना चाहिए।

यह विधि आपके लिए उपयोगी रहेगी, और इस तरीके से आप आसानी से इस मंत्र का जाप कर सकते हैं।

FAQ

इस मंत्र का जाप कितने दिनों तक करना चाहिए?

इस मंत्र का जाप 21 दिनों तक नियमित रूप से करने से शीघ्र फल प्राप्त होते हैं।

क्या विवाहित महिलाएं भी इस मंत्र का जाप कर सकती हैं?

क्या यह मंत्र पुरुषों के लिए भी प्रभावी है?

इस मंत्र के जाप के दौरान कौन से नियम पालन करने चाहिए?

क्या इस मंत्र को किसी विशेष समय में ही जपना चाहिए?

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