खाटू श्याम बाबा के भक्तों के लिए उनकी भक्ति को शब्दों में पिरोना किसी सौभाग्य से कम नहीं। खाटू श्याम शायरी न केवल उनकी महिमा का गुणगान करती है, बल्कि भक्तों के दिलों में श्रद्धा की भावना को और गहरा कर देती है। जब भी हम बाबा श्याम का याद करते हैं, तो उनके प्रति हमारी भावनाएँ Khatu Shyam Shayari के शब्दों के रूप में बहने लगती हैं। आइए, खाटू श्याम जी के सुंदर और भक्तिमय शेर-ओ-शायरी का आनंद लें।
Khatu Shyam Shayari
श्याम तेरी मूरत मोहिनी।
खींचे मन तेरी ओर।
मेरा मन तेरा हो गया,
मेरा चले ना इस पर जोर।
जय श्री श्याम
तेरे चरण पड़े जब से मेरे आँगन,
आँगन गुलशन हो गया।
फूल जैसा मैं खिल उठा,
धन्य यह जीवन हो गया।
जय श्री श्याम
तेरे नाम का चंदन मला है,
तेरा पीला रंग पहना है।
कंठ से निकले नाम तेरा,
नाम तेरा जपते रहना है।
वक्त गुजरता है गुजरने दो,
मैं श्याम दरबार में आता रहुँ।
वो नाम पुकारे जब भी मेरा,
मैं हाजिरी अपनी लगाता रहुँ।
हारने ना देना मुझे बाबा,
विपत्ति बड़ी भारी है।
तेरे नाम के सहारे मैंने,
संकट की घड़ियाँ गुजारी है।
जय श्री श्याम
यकीन करो , जब खाटू श्याम देंगे,
तो बेहतर नही , बेहतरीन देंगे।
रग-रग में बसा बस खाटू श्याम का नाम हैं,
एक वही तो हैं , मेरी सफलता की उड़ान।
प्रेम की सीमा इससे ज्यादा क्या होगी,
हमने खाटू श्याम के सामने हमने सिर्फ तुम्हे मंगा है।
जो ठीक लगे बो ही देना खाटू श्याम
हमारा तो क्या है हम तो, कुछ भी मांग सकते है।
खाटू नगरी में वास तेरा,
वास तेरा भक्तों के दिल में।
तू संग रहे मेरे उस पल भी,
जब साथ न दे कोई मुश्किल में।
तू थामके मेरी बाँहें हे श्याम,
मुझे मंजिल तक पहुँचा देना।
तू संग है तो हार का डर नहीं,
दुश्मन को भी गले लगा देना।
हम कहां किसी शख्स के लिए इतने खास हैं,
हम तो अपने खाटू श्याम के पास हैं.
खाटू श्याम कहते हैं कि इंसान का,
सब्र कभी व्यर्थ नहीं जाता।
नैनों में तेरी तस्वीर है,
होंठो पर तेरा नाम।
नाम तेरा सुमिरन करता रहूँ,
हर पल हर दिन आठों याम।
कल कल बहती नदिया की धारा,
झर झर झरता झरना।
खाटूवाले तेरे चरणों में रख ले,
वहीं है मेरा जीना मरना।
जय श्री श्याम
श्याम मेरी उलझन सुलझा दे,
माथे से चिंता की लकीरें मिटा दे।
मैं टूट कर बिखर गया हूँ,
अपनी अंजुलि में मुझे समा ले।
धीरे धीरे चल रे मन,
श्याम मूरत मोहे निहारने दे।
जितना देखुँ मन नहीं भरता,
सूरत यह नजर में उतारने दे।
जय श्री श्याम
कहत कबीर सुनो भई साधो,
हारे का सहारा मेरा श्याम।
जिसके द्वार पर आने से,
सँवर जाते हैं बिगड़े काम।
जय श्री श्याम
नगरी में एक नगरी है रिंगस,
जहाँ निराला है खाटू धाम।
जहाँ बसा है कलियुग अवतारी,
कहते हैं जिसे सब खाटूश्याम।
महारण में एक शीश ने,
देखा युद्ध का हाल।
पाण्डव तेरी जीत की राज,
जाने वो मोरवी का लाल।
श्याम ने माँगा शीश बर्बरीक से,
बर्बरीक ना तनिक घबराया।
श्याम कहे मेरा नाम है तेरा,
आज से तू श्याम कहलाया।
श्री खाटू श्याम शायरी न केवल हमारी भक्ति को प्रकट करने का माध्यम है, बल्कि यह हमारी आत्मा को भी शुद्ध करती है। हर शब्द में बाबा श्याम की कृपा का आभास होता है और हर खाटू श्याम शायरी हमारे मन को भक्तिमय आनंद से भर देती है। अगर आप बाबा श्याम की भक्ति में लीन रहना चाहते हैं, तो Khatu Shyam Bhajan और Khatu Shyam Aarti भी अवश्य सुनें।