खाटू श्याम चालीसा: संकटों से मुक्ति और बाबा की कृपा पाने का मार्ग

खाटू श्याम जी की कृपा पाने और अपने जीवन को भक्तिमय बनाने के लिए खाटू श्याम चालीसा का पाठ अति महत्वपूर्ण माना जाता है। Khatu Shyam Chalisa 40 छंदों से युक्त एक भक्तिपूर्ण रचना है, जो बाबा श्याम की महिमा का वर्णन करती है और उनके चमत्कारों को उजागर करती है। जो भक्त सच्चे मन से इसका पाठ करते हैं, उन्हें बाबा की अपार कृपा प्राप्त होती है।

इस चालीसा का नियमित रूप से पाठ करने से जीवन की हर समस्या का समाधान मिलता है और मन को शांति मिलती है। हमने यहां Khatu Chyam Chalisa Lyrics को नीचे उपलब्ध कराया है जिसका पाठ आपके लिए अत्यंत लाभकारी होगा-

Khatu Shyam Chalisa

दोहा

श्री गुरु चरण ध्यान धर।
सुमिरि सच्चिदानन्द॥
श्याम चालीसा भजत हूं।
रच चैपाई छन्द॥

चौपाई

श्याम श्याम भजि बारंबारा॥
सहज ही हो भवसागर पारा॥1॥

इन सम देव न दूजा कोई॥
दीन दयालु न दाता होई॥2॥

भीमसुपुत्र अहिलवती जाया॥
कहीं भीम का पौत्र कहाया॥3॥

यह सब कथा सही कल्पान्तर॥
तनिक न मानों इनमें अन्तर॥4॥

बर्बरीक विष्णु अवतारा॥
भक्तन हेतु मनुज तनु धारा॥5॥

वसुदेव देवकी प्यारे॥
यशुमति मैया नन्द दुलारे॥6॥

मधुसूदन गोपाल मुरारी॥
बृजकिशोर गोवर्धन धारी॥7॥

सियाराम श्री हरि गोविन्दा॥
दीनपाल श्री बाल मुकुन्दा॥8॥

दामोदर रणछोड़ बिहारी॥
नाथ द्वारिकाधीश खरारी॥9॥

नरहरि रूप प्रहलद प्यारा॥
खम्भ फारि हिरनाकुश मारा॥10॥

राधा वल्लभ रुक्मिणी कंता॥
गोपी बल्लभ कंस हनंता॥11॥

मनमोहन चितचोर कहाये॥
माखन चोरि चोरि कर खाये॥12॥

मुरलीधर यदुपति घनश्याम॥
कृष्ण पतितपावन अभिराम॥13॥

मायापति लक्ष्मीपति ईसा॥
पुरुषोत्तम केशव जगदीशा॥14॥

विश्वपति त्रिभुवन उजियारा॥
दीनबन्धु भक्तन रखवारा॥15॥

प्रभु का भेद कोई न पाया॥
शेष महेश थके मुनियारा॥16॥

नारद शारद ऋषि योगिन्दर॥
श्याम श्याम सब रटत निरन्तर॥17॥

कवि कोविद करि सके न गिनन्ता॥
नाम अपार अथाह अनन्ता॥18॥

हर सृष्टि हर युग में भाई॥
ले अवतार भक्त सुखदाई॥19॥

हृदय माँहि करि देखु विचारा॥
श्याम भजे तो हो निस्तारा॥20॥

कीर पड़ावत गणिका तारी॥
भीलनी की भक्ति बलिहारी॥21॥

सती अहिल्या गौतम नारी॥
भई श्राप वश शिला दुखारी॥22॥

श्याम चरण रच नित लाई॥
पहुंची पतिलोक में जाई॥23॥

अजामिल अरु सदन कसाई॥
नाम प्रताप परम गति पाई॥24॥

जाके श्याम नाम अधारा॥
सुख लहहि दुख दूर हो सारा॥25॥

श्याम सुलोचन है अति सुन्दर॥
मोर मुकुट सिर तन पीताम्बर॥26॥

गल वैजयन्तिमाल सुहाई॥
छवि अनूप भक्तन मन भाई॥27॥

श्याम श्याम सुमिरहुं दिनराती॥
शाम दुपहरि अरु परभाती॥28॥

श्याम सारथी सिके रथ के॥
रोड़े दूर होय उस पथ के॥29॥

श्याम भक्त न कहीं पर हारा॥
भीर परि तब श्याम पुकारा॥30॥

रसना श्याम नाम पी ले॥
जी ले श्याम नाम के हाले॥31॥

संसारी सुख भोग मिलेगा॥
अन्त श्याम सुख योग मिलेगा॥32॥

श्याम प्रभु हैं तन के काले॥
मन के गोरे भोले भाले॥33॥

श्याम संत भक्तन हितकारी॥
रोग दोष अघ नाशै भारी॥34॥

प्रेम सहित जे नाम पुकारा॥
भक्त लगत श्याम को प्यारा॥35॥

खाटू में है मथुरा वासी॥
पार ब्रह्म पूरण अविनासी॥36॥

सुधा तान भरि मुरली बजाई॥
चहुं दिशि नाना जहाँ सुनि पाई॥37॥

वृद्ध बाल जेते नारी नर॥
मुग्ध भये सुनि वंशी के स्वर॥38॥

दौड़ दौड़ पहुँचे सब जाई॥
खाटू में जहाँ श्याम कन्हाई॥39॥

जिसने श्याम स्वरूप निहारा॥
भव भय से पाया छुटकारा॥40॥

दोहा

श्याम सलोने साँवरे, बर्बरीक तनु धार॥
इच्छा पूर्ण भक्त की, करो न लाओ बार॥

Khatu Shyam Chalisa

दोहा 

श्री गुरु चरण ध्यान धर। 
सुमिरि सच्चिदानन्द॥
श्याम चालीसा भजत हूं। 
रच चैपाई छन्द॥

चौपाई

श्याम श्याम भजि बारंबारा॥
सहज ही हो भवसागर पारा॥1॥

इन सम देव न दूजा कोई॥  
दीन दयालु न दाता होई॥2॥

भीमसुपुत्र अहिलवती जाया॥
कहीं भीम का पौत्र कहाया॥3॥

यह सब कथा सही कल्पान्तर॥
तनिक न मानों इनमें अन्तर॥4॥

बर्बरीक विष्णु अवतारा॥ 
भक्तन हेतु मनुज तनु धारा॥5॥

वसुदेव देवकी प्यारे॥
यशुमति मैया नन्द दुलारे॥6॥

मधुसूदन गोपाल मुरारी॥
बृजकिशोर गोवर्धन धारी॥7॥

सियाराम श्री हरि गोविन्दा॥
दीनपाल श्री बाल मुकुन्दा॥8॥

दामोदर रणछोड़ बिहारी॥
नाथ द्वारिकाधीश खरारी॥9॥

नरहरि रूप प्रहलद प्यारा॥
खम्भ फारि हिरनाकुश मारा॥10॥

राधा वल्लभ रुक्मिणी कंता॥
गोपी बल्लभ कंस हनंता॥11॥

मनमोहन चितचोर कहाये॥
माखन चोरि चोरि कर खाये॥12॥

मुरलीधर यदुपति घनश्याम॥
कृष्ण पतितपावन अभिराम॥13॥

मायापति लक्ष्मीपति ईसा॥
पुरुषोत्तम केशव जगदीशा॥14॥

विश्वपति त्रिभुवन उजियारा॥ 
दीनबन्धु भक्तन रखवारा॥15॥

प्रभु का भेद कोई न पाया॥
शेष महेश थके मुनियारा॥16॥

नारद शारद ऋषि योगिन्दर॥
श्याम श्याम सब रटत निरन्तर॥17॥

कवि कोविद करि सके न गिनन्ता॥
नाम अपार अथाह अनन्ता॥18॥

हर सृष्टि हर युग में भाई॥
ले अवतार भक्त सुखदाई॥19॥

हृदय माँहि करि देखु विचारा॥
श्याम भजे तो हो निस्तारा॥20॥

कीर पड़ावत गणिका तारी॥
 भीलनी की भक्ति बलिहारी॥21॥

सती अहिल्या गौतम नारी॥
भई श्राप वश शिला दुखारी॥22॥

श्याम चरण रच नित लाई॥
पहुंची पतिलोक में जाई॥23॥

अजामिल अरु सदन कसाई॥ 
नाम प्रताप परम गति पाई॥24॥

जाके श्याम नाम अधारा॥
सुख लहहि दुख दूर हो सारा॥25॥

श्याम सुलोचन है अति सुन्दर॥ 
मोर मुकुट सिर तन पीताम्बर॥26॥

गल वैजयन्तिमाल सुहाई॥
छवि अनूप भक्तन मन भाई॥27॥

श्याम श्याम सुमिरहुं दिनराती॥
शाम दुपहरि अरु परभाती॥28॥

श्याम सारथी सिके रथ के॥
रोड़े दूर होय उस पथ के॥29॥

श्याम भक्त न कहीं पर हारा॥ 
भीर परि तब श्याम पुकारा॥30॥

रसना श्याम नाम पी ले॥
जी ले श्याम नाम के हाले॥31॥

संसारी सुख भोग मिलेगा॥
अन्त श्याम सुख योग मिलेगा॥32॥

श्याम प्रभु हैं तन के काले॥
मन के गोरे भोले भाले॥33॥

श्याम संत भक्तन हितकारी॥
 रोग दोष अघ नाशै भारी॥34॥

प्रेम सहित जे नाम पुकारा॥
भक्त लगत श्याम को प्यारा॥35॥

खाटू में है मथुरा वासी॥
पार ब्रह्म पूरण अविनासी॥36॥

सुधा तान भरि मुरली बजाई॥
चहुं दिशि नाना जहाँ सुनि पाई॥37॥

वृद्ध बाल जेते नारी नर॥
मुग्ध भये सुनि वंशी के स्वर॥38॥

दौड़ दौड़ पहुँचे सब जाई॥
खाटू में जहाँ श्याम कन्हाई॥39॥

जिसने श्याम स्वरूप निहारा॥
भव भय से पाया छुटकारा॥40॥

दोहा 

श्याम सलोने साँवरे, बर्बरीक तनु धार॥
इच्छा पूर्ण भक्त की, करो न लाओ बार॥

Khatu Shyam Chalisa का पाठ न केवल आत्मिक शांति देता है, बल्कि भक्तों के जीवन में सुख-समृद्धि भी लाता है। यदि आप बाबा श्याम की संपूर्ण कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो नियमित रूप से Khatu Shyam Ki Aarti करें और Khatu Shyam Ke Bhajan सुनें। इसके अलावा, यदि आप Khatu Shyam Ji Mandir Darshan का सही समय जानना चाहते हैं या Khatu Shyam Ki Katha पढ़ना चाहते हैं, तो हमारे अन्य लेख भी ज़रूर देखें।

Khatu Shyam Ji Chalisa पाठ करने की विधि

  • स्नान व शुद्धि: पाठ करने से पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • पवित्र स्थान: श्याम बाबा की मूर्ति या चित्र के सामने बैठें।
  • धूप-दीप प्रज्वलित: भगवान श्याम के समक्ष दीपक जलाएँ और पुष्प अर्पित करें।
  • पाठ करें: शांत मन से Khatu Shyam Chalisa का पाठ करें।
  • प्रसाद अर्पित: पाठ समाप्त होने के बाद प्रसाद वितरण करें।
  • आरती करें: अंत में Khatu Shyam Ki Aarti गाकर पूजा सम्पन्न करें।
  • नियमितता: यदि संभव हो तो प्रतिदिन या हर गुरुवार एवं एकादशी को पाठ करें।

FAQ

खाटू श्याम जी के चालीसा का पाठ करने से क्या लाभ होते हैं?

इस चालीसा का पाठ करने से मन की शांति मिलती है, संकट दूर होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

चालीसा का पाठ करने का सही समय क्या है?

खाटू श्याम की चालीसा कितने समय में पूरी होती है?

चालीसा पाठ करने के लिए किसी विशेष नियम का पालन करना होता है?

Share

Leave a comment