कलशो में गंगा जी का जल भर ले

गंगा जल का हर बूंद पवित्रता और शिवजी की कृपा का प्रतीक है। “कलशो में गंगा जी का जल भर ले” भजन हमें इस दिव्य आशीर्वाद की याद दिलाता है, जिसे भगवान शिव ने स्वयं अपनी जटाओं में धारण किया। जब हम इस भजन का पाठ करते हैं, तो यह अनुभूति होती है कि गंगाजल केवल जल नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि और मोक्ष की ओर ले जाने वाला अमृत है, जिसे शिवभक्त अपने कलश में भरकर पूजा-अर्चना करते हैं।

Kalso Me Ganga Ji Ka Jal Bhar Le

कलशो में गंगा जी का,
जल भर ले,
चल चल रे कावड़िया,
कांधे कांवर धर ले।1।

बोल बम बोल बम,
शिव का जयकारा रे,
देवों ने भी गाया,
यही नाम प्यारा रे,
तू भी इसी नाम का,
मनन कर ले,
चल चल रे कावड़िया,
कांधे कांवर धर ले।2।

मिलेगा किनारा जब भी,
शिव को पुकारेगा,
नैया भवर से तेरी,
वो ही उबारेगा,
उसी के सहारे,
भव पार कर ले,
चल चल रे कावड़िया,
कांधे कांवर धर ले।3।

शिव का पुजारी बन जा,
बने बिगड़े काम रे,
उनका है द्वारा सबसे,
बड़ा सुख धाम रे,
तेरे दुखो को,
महादेव हर ले,
चल चल रे कावड़िया,
कांधे कांवर धर ले।4।

कलशो में गंगा जी का,
जल भर ले,
चल चल रे कावड़िया,
कांधे कांवर धर ले।5।

गंगा जल से अभिषेक करने से शिवजी शीघ्र प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं। “कलशो में गंगा जी का जल भर ले” भजन की तरह “सारी समस्या का हल है एक लोटा जल”, “भोले बाबा भंडारी बड़े भोले भाले हैं”, “शिव का जपले नाम क्या लागे तेरा” और “महाकाल की कृपा से सब काम हो रहा है” जैसे भजन भी हमें भोलेनाथ की कृपा और गंगा जल की महिमा का बोध कराते हैं। आइए, इन पावन भजनों का पाठ करें और शिव भक्ति में लीन हों। 🔱🙏

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