अगर आप अपने जीवन की सभी चिंताओं से मुक्ति पाना चाहते हैं और माता चिंतपूर्णी की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो चिंतपूर्णी चालीसा लिरिक्स का पाठ आपके लिए बेहद लाभकारी सिद्ध हो सकता है। माता चिंतपूर्णी, जिन्हें छिन्नमस्तिका देवी के रूप में भी जाना जाता है, जब कोई भक्त सच्चे मन और पूर्ण श्रद्धा के साथ Chintpurni Chalisa Lyrics का पाठ करता है, तो माता उसकी सभी बाधाओं को दूर कर देती हैं और उसे सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करती हैं।
यह चालीसा माता की महिमा का एक अद्भुत संकलन है, जिसमें उनकी शक्ति, करुणा और चमत्कारी प्रभावों का सुंदर वर्णन किया गया है। इस चालीसा में कुल 40 चौपाइयाँ होती हैं, और कहा जाता है कि यदि इसे नवरात्रि, अष्टमी, पूर्णिमा या किसी विशेष शुभ दिन पर श्रद्धा भाव से पढ़ा जाए, तो इसका प्रभाव और अधिक बढ़ जाता है। यहां हमने आपके लिए Chintpurni Mata Chalisa Lyrics In Hindi को उपलब्ध कराया है-
Chintpurni Chalisa Lyrics
दोहा
चित्त में बसो चिंतपूर्णी, छिन्नमस्तिका मात,
सात बहनों में लाड़ली, हो जग में विख्यात।
माईदास पर की कृपा, रूप दिखाया श्याम,
सबकी हो वरदायनी, शक्ति तुम्हें प्रणाम।
चौपाई
छिन्नमस्तिका मात भवानी॥
कलिकाल में शुभ कल्याणी॥१॥
सती आपको अंश दियो है॥
चिंतपूर्णी नाम कियो है॥२॥
चरणों की लीला है न्यारी॥
जिनको पूजे हर नर-नारी॥३॥
देवी-देवता हैं नत मस्तक॥
चैन ना पाए भजे ना जब तक॥४॥
शांत रूप सदा मुस्काता॥
जिसे देखकर आनंद आता॥५॥
एक ओर कालेश्वर साजे॥
दूजी ओर शिवबाडी विराजे॥६॥
तीसरी ओर नारायण देव,
चौथी ओर मचकुंद महादेव॥७॥
लक्ष्मी नारायण संग विराजे॥
दस अवतार उन्हीं में साजे॥८॥
तीनों द्वार भवन के अंदर॥
बैठे ब्रह्मा विष्णु और शिवशंकर॥९॥
काली लक्ष्मी सरस्वती माँ॥
सत रज तम से व्याप्त हुई माँ॥१०॥
हनुमान योद्धा बलकारी॥
मार रहे भैरव किलकारी॥११॥
चौंसठ योगिनी मंगल गावें,
मृदंग छैने महंत बजावें॥१२॥
भवन के नीचे बावड़ी सुंदर॥
जिसमें जल बहता है झरझर॥१३॥
संत आरती करें तुम्हारी॥
तुमने सदा पूजत हैं नर-नारी॥१४॥
पास है जिसके बाग निराला॥
जहां है पुष्पों की वनमाला॥१५॥
कंठ आपके माला विराजे॥
सुहा-सुहा चोला अंग साजे॥१६॥
सिंह यहां संध्या को आता॥
शुभ चरणों में शीश नवाता॥१७॥
निकट आपके जो भी आवे॥
पिंडी रूप दर्शन पावे॥१८॥
रणजीत सिंह महाराज बनाया॥
तुम्हें स्वर्ण का छत्र चढ़ाया॥१९॥
भाव तुम्हीं से भक्ति पाया॥
पटियाला मंदिर बनवाया॥२०॥
माईदास पर कृपा करके॥
आई भरवई पास विचर के॥२१॥
अठूर क्षेत्र मुगलों ने घेरा॥
पिता माईदास ने टेरा॥२२॥
अम्ब क्षेत्र के पास में आए,
तीन पुत्र कृपा से पाये॥२३॥
वंश माई ने फिर पुजवाया॥
माईदास को भक्त बनाया॥२४॥
सौ घर उसके हैं अपनाए॥
सेवा में जो तुमरी आए॥२५॥
चार आरती हैं मंगलमय॥
प्रातः मध्य संध्या रातम्य॥२६॥
पान ध्वजा नारियल लाऊं॥
हलवे चने का भोग लगाऊं॥२७॥
असौज चैत्र में मेला लगता॥
अष्टमी सावन में भी भरता॥२८॥
छत्र व चुन्नी शीश चढ़ाऊं॥
माला लेकर तुमको ध्याऊं॥२९॥
मुझको मात विपद ने घेरा॥
मोहमाया ने डाला फेरा॥३०॥
ज्वालामुखी से तेज हो पातीं,
नगरकोट से भी बल पातीं॥३१॥
नयना देवी तुम्हें देखकर॥
मुस्काती हैं प्रेम में भरकर॥३२॥
अभिलाषा माँ पूरण कर दो॥
हे चिंतपूर्णी झोली भर दो॥३३॥
ममता वाली पलक दिखा दो॥
काम क्रोध मद लोभ हटा दो॥३४॥
सुख दुःख तो जीवन में आते॥
तेरी दया से दुख मिट जाते॥३५॥
तुमको कहते चिंता हरणी॥
भयनाशक तुम हो भयहरणी॥३६॥
हर बाधा को आप ही टालो॥
इस बालक को गले लगा लो॥३७॥
तुम्हरा आशीर्वाद मिले जब॥
सुख की कलियां आप खिले सब॥३८॥
कहां तक दुर्गे महिमा गाऊं॥
द्वार खड़ा ही विनय सुनाऊं॥३९॥
चिंतपूर्णी मां मुझे अपनाओ॥
भव से नैया पार लगाओ॥४०॥
दोहा
चरण आपके छू रहा हूं, चिंतपूर्णी मात,
चरणामृत दे दीजिए, हो जग में विख्यात।

यदि आप चिंतपूर्णी चालीसा लिरिक्स का पाठ करना चाहते हैं, तो पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ इसका जाप करें। माता चिंतपूर्णी की भक्ति में डूबकर इस चालीसा का पाठ करने से सभी चिंताओं का नाश होता है और जीवन में सुख, शांति और सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है।
चालीसा पाठ की विधि: संपूर्ण प्रक्रिया और नियम
यदि विधिपूर्वक और संकल्प के साथ इसका जाप किया जाए, तो व्यक्ति के जीवन की समस्त बाधाएँ दूर हो सकती हैं।
- तैयारी: चालीसा के पाठ को प्रभावी बनाने के लिए आवश्यक है कि इसे पूरी शुद्धता और भक्ति-भाव से किया जाए। सुबह स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें और माता की मूर्ति या चित्र के सामने बैठकर पूजा सामग्री एकत्र करें। पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें और घी या तेल का दीपक जलाएँ।
- पूजा सामग्री: पाठ के दौरान माता को अर्पित की जाने वाली पूजा सामग्री विशेष महत्व रखती है। माता को लाल रंग अत्यंत प्रिय है, इसलिए लाल पुष्प, लाल चुनरी और सिंदूर अर्पित करें। भोग के रूप में हलवा, नारियल, पंचमेवा या कोई मीठा प्रसाद चढ़ाएँ। धूप और अगरबत्ती जलाकर वातावरण को सुगंधित करें ताकि सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे।
- संकल्प और ध्यान: पाठ आरंभ करने से पहले माता चिंतपूर्णी का ध्यान करें और संकल्प लें कि आप पूरे विश्वास और श्रद्धा के साथ पाठ कर रहे हैं। मन को एकाग्र करते हुए माता के स्वरूप का ध्यान करें और उनसे अपने कष्टों के निवारण की प्रार्थना करें।
- चालीसा पाठ: चिंतपूर्णी चालीसा को श्रद्धा और संपूर्ण समर्पण के साथ पढ़ें। पाठ के दौरान उच्चारण स्पष्ट और मनोयोग से होना चाहिए, जिससे माता की कृपा शीघ्र प्राप्त हो सके।
- आरती : पाठ पूरा होने के बाद माता की आरती करें और उनके चरणों में अपनी समस्याओं को समर्पित करें। माता को भोग अर्पित करें और अपने परिवार के सभी सदस्यों में प्रसाद बाँटें।
यदि उपर्युक्त विधि का पालन करते हुए श्रद्धा और विश्वास के साथ Chintpurni Mata Chalisa Lyrics का पाठ किया जाए, तो माता की कृपा से जीवन की हर चिंता समाप्त हो सकती है और सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
पाठ के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें
- पाठ को हमेशा स्वच्छता और श्रद्धा के साथ करें।
- पाठ के दौरान मन में किसी प्रकार की नकारात्मक सोच न आने दें।
- मोबाइल या बाहरी दुनिया से पूरी तरह दूरी बनाकर एकांत में पाठ करें।
- पाठ पूरा होने के बाद माता को धन्यवाद देना न भूलें।
FAQ
क्या इसका पाठ किसी भी समय किया जा सकता है?
हाँ, लेकिन सुबह या शाम के समय इसका पाठ करने से विशेष लाभ प्राप्त होते हैं। ब्रह्ममुहूर्त (सुबह 4-6 बजे) और संध्या काल इसे पढ़ने के लिए सर्वोत्तम माने जाते हैं।
पाठ कब करना ज्यादा शुभ होता है?
चिंतपूर्णी चालीसा का पाठ नवरात्रि, अष्टमी, पूर्णिमा या किसी भी शुभ अवसर पर किया जा सकता है।
पाठ करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है?
हाँ, नियमित रूप से चालीसा का पाठ करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है और परिवार के सदस्यों के बीच आपसी प्रेम और सद्भाव बढ़ता है।
यदि किसी दिन पाठ न कर पाएं तो क्या करें?
अगर किसी कारणवश किसी दिन पाठ न कर पाएं, तो माता से क्षमा याचना करें और अगले दिन पुनः श्रद्धा भाव से इसका पाठ करें।

मैं शिवप्रिया पंडित, माँ शक्ति का एक अनन्य भक्त और विंध्येश्वरी देवी, शैलपुत्री माता और चिंतापूर्णी माता की कृपा से प्रेरित एक आध्यात्मिक साधक हूँ। मेरा उद्देश्य माँ के भक्तों को उनके दिव्य स्वरूप, उपासना विधि और कृपा के महत्व से अवगत कराना है, ताकि वे अपनी श्रद्धा और भक्ति को और अधिक दृढ़ बना सकें। मेरे लेखों में इन देवी शक्तियों के स्तोत्र, चालीसा, आरती, मंत्र, कथा और पूजन विधियाँ शामिल होती हैं, ताकि हर भक्त माँ की आराधना सही विधि से कर सके और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को सुख-समृद्धि से भर सके। जय माता दी! View Profile 🙏🔱