महाकुम्भ नहा रहा है महादेव का दीवाना

महाकुंभ केवल एक पर्व नहीं, बल्कि आध्यात्मिक जागरण और मोक्ष प्राप्ति का महोत्सव है। महाकुंभ नहा रहा है महादेव का दीवाना भजन हमें उस अलौकिक क्षण की अनुभूति कराता है, जब करोड़ों श्रद्धालु गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में स्नान कर महादेव का आह्वान करते हैं।जब हम इस भजन का पाठ करते हैं, तो हमें कुंभ के दिव्य वातावरण और शिवजी की कृपा का अनुभव होता है।

Mahadev Ka Deewana Mahakumbh Naha Raha Hai

महादेव का दिवाना,
महाकुम्भ नहा रहा है,
महादेव का दीवाना।1।

प्रयाग हरिद्वार और,
उज्जैनी नाशिक में,
बारह बरसों बाद आता,
संतों के मिलन में,
सदीयों से मेरे देश में,
किर्ति बढ़ा रहा है,
मेरे भोले का दिवाना,
महाकुंभ नहा रहा है,
महादेव का दीवाना।2।

दर्शन जो भक्त पाते,
पावन ऋषि मुनि के,
उद्धार उसी का होता,
जो भेद मिटा दे मन के,
अभीमानी धुर्त वहाँ पे,
रिले बना रहा है,
महाकुंभ नहा रहा है,
महादेव का दीवाना।3।

वहाँ प्रेम को जगाओ,
और दुष्टता मिटाओं,
गरीब ना सताओ,
फर्जी रिले ना बनाओ,
कहता है ‘देव शर्मा’,
कली बढ़ता जा रहा है,
मेरे भोले का दिवाना,
महाकुंभ नहा रहा है,
महादेव का दीवाना।4।

महादेव का दिवाना,
महाकुम्भ नहा रहा है,
महादेव का दीवाना।5।

महाकुंभ में किया गया स्नान केवल शरीर को नहीं, बल्कि आत्मा को भी शुद्ध कर देता है, और शिवभक्ति में लीन होने का अद्भुत अवसर प्रदान करता है। “महाकुंभ नहा रहा है महादेव का दीवाना” भजन की तरह “हर हर गंगे शिव शंकर”, “शिव की नगरी में बसेरा”, “शिव शंभू तेरी जटा से बहती गंगा”, और “हर हर महादेव बम बम बोले” जैसे भजन भी हमें शिव महिमा और कुंभ स्नान के आध्यात्मिक महत्व से जोड़ते हैं। आइए, इन भजनों का पाठ करें और महादेव की कृपा प्राप्त करें।

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