सजा दो मन को मधुबन सा मेरे गणराज आये हैं भजन भगवान गणेश के आगमन की खुशी और भक्तों के हर्ष को दर्शाता है। इस भजन में भक्त अपने दिल और जीवन को मधुबन जैसा सजा कर गणेश जी का स्वागत करते हैं, क्योंकि जब भगवान गणेश आते हैं, तो उनके साथ अनगिनत खुशियाँ और समृद्धि आती हैं। यह भजन उनकी कृपा और आशीर्वाद की महिमा का उत्सव है, जो जीवन को सजीव और सुंदर बनाता है।
Saja Do Man Ko Madhuban Sa Mere Ganraj Aaye Hai Lyrics
सजा दो मन को मधुबन सा,
मेरे गणराज आये है,
लगे हर गुल भी गुलशन सा,
मेरे गणराज आये है।।
सुदी भादों चतुर्थी को,
झुलावे गौरा गणपति को,
चमन महकेगा चन्दन सा,
मेरे गणराज आये है।।
है माता गौरा कल्याणी,
पिता है भोले वरदानी,
ललन है अलख निरंजन सा,
मेरे गणराज आये है।।
है दाता रिद्धि सिद्धि के,
है दाता ज्ञान बुद्धि के,
‘पदम्’ सेवक है निर्गुण सा,
मेरे गणराज आये है।।
सजा दो मन को मधुबन सा,
मेरे गणराज आये है,
लगे हर गुल भी गुलशन सा,
मेरे गणराज आये है।।
सजा दो मन को मधुबन सा मेरे गणराज आये हैं भजन भगवान गणेश के आगमन के उत्सव को जीवंतता से व्यक्त करता है। यह भजन उनके हर रूप में सौम्यता और भव्यता का प्रतीक है। साथ ही, इस भजन से हम अन्य गणेश भजनों जैसे “गणपति बप्पा मोरया”, “गणराज के चरणों में मेरा बार बार वंदन” और “गणपति के गुण गाते चलो” से गणेश जी की महिमा और आशीर्वाद को महसूस कर सकते हैं। गणपति बप्पा की कृपा से हर दिल मधुबन सा महक उठे।
मैं रोहन पंडित, एक श्रद्धालु और हरिद्वार के एक शिव मंदिर में पुजारी हूँ। मैं भक्तों को आरती, मंत्र, चालीसा, स्तोत्र और भजनों की विस्तृत जानकारी अपने वेबसाइट के माध्यम से प्रदान करता हूँ, साथ ही उन्हें पीडीएफ में उपलब्ध कराता हूँ। View Profile 🙏🚩