Chandrdev Ki Aarti | चंद्रदेव की आरती : शीतलता का अनुभव

चंद्रदेव की आरती हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है, क्योंकि चंद्रमा को मन और भावनाओं का स्वामी माना जाता है। चंद्रदेव, जिन्हें सोम या शशि के नाम से भी जाना जाता है, शीतलता, शांति और मानसिक संतुलन के प्रतीक हैं। Chandrdev Ki Aarti का गायन जीवन में शांति, सौम्यता, और समृद्धि लाने का एक महत्वपूर्ण साधन है। चंद्रदेव की आराधना विशेष रूप से उन लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी मानी जाती है, जिनकी कुंडली में चंद्रमा कमजोर स्थिति में होता है।

आरती के माध्यम से भक्त चंद्रदेव की महिमा का गुणगान करते हैं और उनसे मानसिक शांति, भावनात्मक स्थिरता, और सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। नियमित रूप से आरती का गान करने से मन की स्थिरता बढ़ती है, नींद संबंधी समस्याएं दूर होती हैं, और जीवन में सुख-समृद्धि की वृद्धि होती है। आइये हम आप को चन्द्रमा की आरती करने की विधि, लाभ और कब आरती की जाती है विस्तार से बताते हैं। 

चंद्रदेव की आरती

ॐ जय सोम देवा, स्वामी जय सोम देवा ।
दुःख हरता सुख करता, जय आनन्दकारी॥

ॐ जय सोम देवा..

रजत सिंहासन राजत, ज्योति तेरी न्यारी।
दीन दयाल दयानिधि, भव बन्धन हारी॥

ॐ जय सोम देवा

जो कोई आरती तेरी, प्रेम सहित गावे।
सकल मनोरथ दायक, निर्गुण सुखराशि॥

ॐ जय सोम देवा

योगीजन हृदय में, तेरा ध्यान धरें ।
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव, सन्त करें सेवा॥

ॐ जय सोम देवा

वेद पुराण बखानत, भय पातक हारी।
प्रेमभाव से पूजें, सब जग के नारी॥

ॐ जय सोम देवा

शरणागत प्रतिपालक, भक्तन हितकारी।
धन सम्पत्ति और वैभव, सहजे सो पावे

ॐ जय सोम देवा

विश्व चराचर पालक, ईश्वर अविनाशी।
सब जग के नर नारी, पूजा पाठ करें॥

ॐ जय सोम देवा

ॐ जय सोम देवा, स्वामी जय सोम देवा॥

आप चंद्र देव के साथ भगवन शिव के Om Jai Shiv Omkara आरती, Shiv Bhajan, Shiv Stuti इत्यादि का पाठ भी कर सकते हैं। ऐसा करने से भगवान प्रसन्न होते हैं। क्योंकि ऐसा माना जाता है की भगवान शिव ने चंद्र देव को अपनी जटाओं में धारण किया है।

Chandrdev Ki Aarti करने की विधि 

  1. स्नान – आप चंद्रपूजन के दिन सबसे पहले स्नान करके सफेद वस्त्र पहने। 
  2. चन्द्रदर्शन – अब आप ऐसी जगह पर जाये जहा से आपको चन्द्रमा का पूरा दर्शन हो सके।
  3. पूजासामग्री – अब आप फूल, धूप, रोली, अक्षत इत्यादि चढ़ाये। चंद्रदेव को सफेद चावल और सफेद फूल चढ़ाते हैं, जो चंद्रदेव को प्रिय माने जाते हैं।
  4. प्रसाद – चंद्रदेव को दूध की बनी सफेद रंग की प्रसाद अधिक पसंद है तो उन्हें प्रसाद में खीर, मिठाइयां आदि चढ़ाये। 
  5. अर्घ्य दे – आप ताम्बे के लोटे से गंगाजल या दूध में पुष्प डालकर चंद्रदेव को अर्घ्य दे। 
  6. ध्यान – आप चन्द्रमा की शीतल छाया में बैठकर ध्यान करें या मंत्र जाप करें। 
  7. आरती – गाय के घी से दीपक जलाकर आरती करें। आरती करते समय दीपक ले लोह को चन्द्रमा के चारो और घुमाएं। आरती के दौरान “ॐ सौं सोमाय नमः” का जाप भी कर सकते है।
  8. प्रसाद वितरण – आरती के बाद आरती को सभी लोगो में वितरित करे और स्वयं भी ग्रहण करें।
  9. आशीर्वाद – आरती खत्म करने के बाद आप चंद्रदेव से अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए प्रार्थना करके आशीर्वाद मांगे। 
  10. समापन – पूजा के अंत में पूजा स्थल को अच्छी तरह साफ कर लें और धुप और दिए को किसी सुरक्षित स्थान पर रख दें।

चंद्र देवता की आरती करने के लाभ 

  • चंद्रदोष – चंद्र देव की आरती करने से आप के कुंडली का चंद्रग्रह मजबूत होता है। 
  • स्वास्थ्य – इनकी आरती करने से शरीर स्वस्थ्य रहता है और जो बीमारी है वो खत्म हो जाती है।  विशेष रूप से मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं, जैसे डिप्रेशन और अनिद्रा में आराम मिलता है।
  • संतान सुख – पूर्ण चन्द्रमा की आरती करने से निःसंतान को संतान सुख की प्राप्ति होती है। 
  • मनोकामनापूर्ण – चंद्रदेव जी की आरती करने से आप की मनोकामनापूर्ण होती हैं। 
  • मानसिक संतुलन – इनकी आरती करने से मानसिक शांति प्राप्त होती है। चंद्रमा मन का स्वामी होता है, इसलिए उनकी पूजा करने से तनाव, चिंता, और मानसिक अस्थिरता दूर होती है।
  • भावनात्मक संतुलन – चंदा मामा की आरती से भावनात्मक संतुलन बना रहता है। इससे व्यक्ति अपनी भावनाओं को बेहतर ढंग से नियंत्रित कर पाता है और मानसिक स्थिरता प्राप्त करता है।
  • शीतलता – चंद्रदेव को शीतलता और सौम्यता का प्रतीक माना जाता है। उनकी आरती से जीवन में शांति और ठंडक का अनुभव होता है, जो क्रोध और आवेग को नियंत्रित करता है।
  • सुख-समृद्धि – चंद्रदेव को धन, समृद्धि और ऐश्वर्य का कारक माना जाता है। उनकी आरती नियमित रूप से करने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है और आर्थिक स्थिति बेहतर होती है।
  • सामंजस्यपूर्ण जीवन – आरती के माध्यम से जीवन में शांति और सामंजस्य की स्थापना होती है। परिवार में प्रेम और सहयोग का वातावरण बनता है, जिससे सभी के बीच आपसी समझ बढ़ती है।
  • सकारात्मक ऊर्जा – चंद्रदेव जी की आरती करने से घर और मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जो नकारात्मकता और बुरे प्रभावों को दूर करता है।
  • विवाहित जीवन – चंद्रदेव की आराधना से विवाहित जीवन में मिठास और सामंजस्य बना रहता है। उनके आशीर्वाद से पति-पत्नी के बीच प्रेम और आपसी समझ बढ़ती है।

चंद्रदेव जी की आरती का नियमित पाठ मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ जीवन में सुख-शांति और समृद्धि का प्रतीक है।

FAQ

चंद्रदेव की पूजा करने से पहले किसकी पूजा करनी चाहिए और क्यों ?

किस दिन चंद्रदेव की पूजा की जाती है ?

शरदपूर्णिमा के दिन किसकी पूजा करनी चाहिए ?

किस दिन चन्द्रदर्शन उत्तम माना जाता है ?

चन्द्रमा जी की आरती को किसको करनी चाहिए ?

चंद्रदेव की आराधना विशेष रूप से उन लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी मानी जाती है, जिनकी कुंडली में चंद्रमा कमजोर स्थिति में होता है

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