सूर्य नमस्कार मंत्र | Surya Namaskar Mantra : सकारात्मक ऊर्जा

सूर्य नमस्कार मंत्र शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है और अध्यात्म का प्रतीक माना जाता है।इन मंत्रों का जाप करने से हम सूर्य देवता को प्रसन्न  करते हैं। सूर्य नमस्कार मंत्र का नियमित जाप करने से हमारा जीवन सकारात्मक ऊर्जा से भर जाता है और हमारा  जीवन आनंदमय तथा उन्नति की ओर बढ़ता रहता हैं।

Surya Namaskar Mantra

ॐ मित्राय नम:

ॐ रवये नम:

ॐ सूर्याय नम:

ॐ भानवे नम:

ॐ खगाय नम:

ॐ पुष्णे नम:

ॐ हिरण्यगर्भाय नम:

ॐ मरीचये नम:

ॐ आदित्याय नम:

ॐ सवित्रे नम:

ॐ अर्काय नम:

ॐ भास्कराय नम:

Surya Namaskar Mantra करने की विधि

  • आरंभ स्थान:  सूर्य नमस्कार  मंत्र का जाप करने के लिए  एक शांत और स्वच्छ स्थान चुनें जहां आप बिना किसी बाधा के इस मंत्र के जाप का प्रारंभ कर सकते हैं।
  • उच्चासन (ताड़ासन): सबसे पहले आप सीधे खड़े हो जाएँ और को  पैरों को एक-दूसरे से मोड़ें उसके बाद दोनों हाथों को ऊपर उठा कर दोनों हाथों को जोड़ ले। 
  • हस्त पादासन:  सांस को धीरे -धीरे  छोड़ते हुए दोनों हाथों को नीचे ले जाएं और उच्चासन की स्थिति में बैठ जाएँ ।
  • आशविनी मुद्रा: अपने पेट को अंदर की ओर सांसों के द्वारा अंदर खींचे और फिर धीरे-धीरे छोड़ें।
  • पूर्ण नभासन: सांस को बाहर छोड़ते हुए पूर्ण नभासन की प्रकिया को करना होता है , इस आसन में पेट पूरी तरह से बाहर निकलता है।
  • आशिविनी आसन: अपने पैरों को कंधों से मिलाकर बैठ जाएँ और दोनों हाथों को पैरों के साथ मिलाएं।
  • उत्तानासन: अपने सिर को नीचे की ओर ले जाएं और दोनों पैरों को देखने के लिए जमीन की ओर झुकें।
  • पदहस्तासन:  इस आसन में अपने हाथों को ज़मीन पर रखें और पूरी तरह से झुककर सिर को नीचे की ओर ले जाएं।
  • पूर्वतानासन: अपने  सिर को ऊपर उठाएं और पूरी तरह से तन को आकर्षित करें।
  • प्राणायाम: सूर्य नमस्कार करने  के बाद अगर समय रहे तो आप प्राणायाम जरूर करें इससे सूर्य नमस्कार के बहुत लाभ मिलते हैं। 
  • ध्यान: सूर्य नमस्कार करने के अंत में आप सूर्य देव का ध्यान करते हुए अपने चेहरे पर प्यारी सी मुस्कान बनाये रखे। और सूर्य देवता की शक्ति को अपने ऊपर पूरी श्रद्धा से महसूस करें।

ऊपर जो बताया गया है यही साधारण विधि। आप इसे अपने शारीरिक ,मानसिक स्वास्थ्य और अपने अंतरात्मा के लिए नियमित कर सकते हैं।

लाभ

  • शारीरिक लाभ: सूर्य नमस्कार करने से हमारी मांसपेशियों को मजबूती मिलती है और हमारा  शारीरिक स्वास्थ्य बना रहता है। कमर और पीठ की मांसपेशिया  मजबूत होती हैं। 
  • मानसिक लाभ:  सूर्य नमस्कार करने से मानसिक तनाव ,चिंता खत्म तथा सर दर्द की कोई भी समस्या हो ठीक हो जाता है ,ध्यान करने से मानसिक स्थिति सुधरता  है और अंतर्मन को शांति मिलती है।
  • सामर्थ्य और स्वास्थ्य: हमारी ऊर्जा को और बढ़ाता है ,शारीरिक सामर्थ्य को बनाये रखता है। इस मंत्र का नियमित जाप करने से शारीरिक ,मानसिक और हृदय का स्वास्थ्य सुधारता है और रक्तचाप को नियंत्रित रखता है।
  • वजन नियंत्रण: प्रतिदिन अभ्यास से शरीर का वजन नियंत्रित रहता है,तथा शरीर को सही आकार प्राप्त होता है। 
  • प्राणायाम और श्वासायाम तंत्र: अभ्यास में प्राणायाम की तकनीकें भी  शामिल हैं, जो हमारे श्वसन तंत्र को सुधारती हैं और सांस से जुडी सभी समस्याएं धीरे -धीरे  खत्म हो जाती हैं। 
  • आत्मा के साथ संबंध: अभ्यास करने से आत्मा का संबंध मजबूत होता है और व्यक्ति अपने अंतरात्मा को समझने लगता है। अभ्यास से चेहरे पर चमक और ताजगी आती है, जिससे आत्मिक रूप से भी सुंदरता बढ़ता है। 
  • आध्यात्मिक उत्थान: आध्यात्म से जोड़ता है और व्यक्ति को अंतरात्मा से जीने का प्रेरणा मिलता है, नियमित अभ्यास करने से व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से स्वास्थ्य रहता है तथा आध्यात्म  का आनंद उठा सकता है।

FAQ

सूर्य नमस्कार मंत्र क्या है ?

एक प्राचीन योग विधि है जो आसन, मुद्राएं, और प्राणायाम मंत्रों का समृद्धि संग्रह है। इसका मुख्य उद्देश्य शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को सुधारना है।

क्या बच्चों के लिए उपयुक्त है ?

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