श्री बद्रीनाथ धाम, हिन्दू धर्म के चार धामों में से एक, वह पवित्र स्थल है जहाँ बद्री नारायण जी की आराधना की जाती है। यहाँ प्रतिदिन गूंजने वाली “श्री बद्रीनाथ जी की आरती” भक्तों के लिए आस्था, श्रद्धा और भक्ति का अद्वितीय अनुभव है। यह Shri Badrinath Ji ki Aarti केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि भगवान बद्रीनाथ की दिव्य उपस्थिति को अनुभव करने का एक माध्यम भी है। बद्रीनाथ में Vishnu Ji Ki Aarti भी की जाती है क्योकि बद्रीनाथ विष्णु जी का स्वरुप माने जाते है।
जब बद्रीनाथ मंदिर में घंटियों और शंखों की ध्वनि के साथ आरती का प्रारंभ होता है, तो हर भक्त के मन में एक असीम शांति और दिव्यता का संचार होता है। श्री बद्रीनाथ की आरती हर उस भक्त के लिए एक अद्वितीय अवसर है, जो भगवान की कृपा का अनुभव करना चाहता है और उनकी शरण में खुद को समर्पित करना चाहता है। यदि आप इस सम्पूर्ण आरती को पढ़ना चाहते हैं तो, हमने आपके लिए इसे निचे उपलब्ध कराया है।
श्री बद्रीनाथ जी की आरती
पवन मंद सुगंध शीतल,
हेम मंदिर शोभितम्,
निकट गंगा बहत निर्मल,
श्री बद्रीनाथ विश्व्म्भरम्॥
शेष सुमिरन करत निशदिन,
धरत ध्यान महेश्वरम्,
वेद ब्रह्मा करत स्तुति,
श्री बद्रीनाथ विश्वम्भरम्॥
॥ पवन मंद सुगंध शीतल…॥
शक्ति गौरी गणेश शारद,
नारद मुनि उच्चारणम्,
जोग ध्यान अपार लीला,
श्री बद्रीनाथ विश्व्म्भरम्॥
॥ पवन मंद सुगंध शीतल…॥
इंद्र चंद्र कुबेर धुनि कर,
धूप दीप प्रकाशितम्,
सिद्ध मुनिजन करत जय जय,
बद्रीनाथ विश्व्म्भरम्॥
॥ पवन मंद सुगंध शीतल…॥
यक्ष किन्नर करत कौतुक,
ज्ञान गंधर्व प्रकाशितम्,
श्री लक्ष्मी कमला चंवरडोल,
श्री बद्रीनाथ विश्व्म्भरम्॥
॥ पवन मंद सुगंध शीतल…॥
कैलाश में एक देव निरंजन,
शैल शिखर महेश्वरम्,
राजयुधिष्ठिर करत स्तुति,
श्री बद्रीनाथ विश्व्म्भरम्॥
॥ पवन मंद सुगंध शीतल…॥
श्री बद्रजी के पंच रत्न,
पढ्त पाप विनाशनम्,
कोटि तीर्थ भवेत पुण्य,
प्राप्यते फलदायकम्॥
॥ पवन मंद सुगंध शीतल…॥
पवन मंद सुगंध शीतल,
हेम मंदिर शोभितम्,
निकट गंगा बहत निर्मल,
श्री बद्रीनाथ विश्व्म्भरम्॥
॥ इति श्री बद्रीनाथ जी आरती संपूर्णम्॥
इसके साथ-साथ आप laxmi ji ki aarti और shri badrinath ji ki aarti की आरती भी कर सकते है जो आपके लिए लाभदायक हो सकते है।
Shri Badrinath Ji ki Aarti कैसे करें
- स्नान और शुद्धि: आरती करने से पहले स्नान कर लें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। मन और शरीर को शुद्ध रखें।
- पूजा सामग्री: आरती के लिए दीपक (घी का या तेल का), कपूर, फूल, धूप, अगरबत्ती, और पूजा की थाली तैयार रखें।
- मूर्ति स्थापन: पूजन स्थल पर भगवान बद्रीनाथ की मूर्ति या चित्र को साफ-सुथरी जगह पर रखें।
- ध्यान और प्रार्थना: आरती शुरू करने से पहले भगवान बद्रीनाथ का ध्यान करें और मन से प्रार्थना करें।
- दीपक जलायें: घी या तेल का दीपक जलाकर भगवान के समक्ष रखें। इसे पूजा थाली में रखकर घुमाने के लिए तैयार करें।
- आरती करें: आरती के दौरान पहले दीपक को भगवान के समक्ष तीन बार घड़ी की दिशा में घुमाएं।
- धूप और अगरबत्ती: धूप और अगरबत्ती को जलाकर भगवान की मूर्ति या चित्र के समक्ष घुमाएं।
- कपूर जलायें: आरती के दौरान कपूर जलाएं और उसकी लौ को भगवान के सामने घुमाएं। कपूर की सुगंध भगवान के प्रति समर्पण का प्रतीक है।
- शंख या घंटी बजाना: आरती के समय शंख या घंटी बजाएं। इससे वातावरण शुद्ध और पवित्र होता है।
- प्रसाद चढ़ाएं: आरती के बाद भगवान को फूल और प्रसाद अर्पित करें। प्रसाद को परिवार और उपस्थित भक्तों में वितरित करें।
- समर्पण: अंत में भगवान बद्रीनाथ से अपने परिवार, समाज और सभी के लिए आशीर्वाद मांगें और उन्हें धन्यवाद दें।
- समापन: आरती समाप्त करने के बाद हाथ जोड़कर भगवान का आभार प्रकट करें और उनकी कृपा का अनुभव करें।
श्री बद्रीनाथ की आरती करने के लाभ:
- आध्यात्मिक शांति: आरती करने से मन को शांति और सुकून मिलता है। यह मानसिक तनाव और चिंता को दूर करने में मदद करती है।
- भगवान का आशीर्वाद: नियमित रूप से श्री बद्रीनाथ की आरती करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सकारात्मकता का संचार होता है।
- घर में सुख-शांति: आरती से घर का वातावरण शुद्ध और पवित्र होता है। इससे घर में शांति और समृद्धि का निवास होता है।
- पारिवारिक एकता: परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर आरती करने से पारिवारिक संबंधों में प्रेम और सामंजस्य बढ़ता है।
- नकारात्मक्ता : आरती से नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियों का नाश होता है, जिससे घर और मन की सुरक्षा होती है।
- मानसिक संतुलन: आरती के दौरान ध्यान और प्रार्थना करने से मानसिक संतुलन बना रहता है और धार्मिक आस्था को बल मिलता है।
- कर्मों का शुद्धिकरण: आरती करने से व्यक्ति के बुरे कर्मों का शुद्धिकरण होता है और उसे मोक्ष की ओर अग्रसर होने में सहायता मिलती है।
- सकारात्मक्ता: आरती से उत्पन्न ध्वनि और प्रकाश घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करते हैं, जिससे जीवन में नयापन और उत्साह बना रहता है।
- मनोकामनाओं की पूर्ति: श्रद्धा और विश्वास के साथ आरती करने से भगवान बद्रीनाथ भक्तों की मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं।
- स्वास्थ्य में सुधार: आरती से उत्पन्न पवित्र वायुमंडल मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, जिससे रोगों से मुक्ति मिलती है।
यदि आप सच्चे मन से किसी भी देवता को पूजते हैं, तो आपका जीवन खुशियों और शांति से भर जाता है। आरती करने से आपके जीवन में बहुत से लाभ होता हैं और भगवान हमेशा अपनी कृपा आप पर बनाये रखते हैं।
FAQ
बद्रीनाथ में किसकी पूजा की जाती है ?
बद्रीनाथ में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। बद्रीनाथ मन्दिर का निर्माण 8वीं शताब्दी में शंकराचार्य ने किया था।
बद्रीनाथ किस राज्य में है ?
यह मंदिर चमोली, उत्तराखंड राज्य के छोटे से जिले में है।
बद्रीनाथ में कौन सी नदी बहती है ?
अलकनंदा नदी बद्रीनाथ मंदिर के पास बहती है।
I am Shri Nath Pandey and I am a priest in a temple, which is located in Varanasi. I have been spending my life worshiping for the last 6 years. I have dedicated my soul completely to the service of God. Our website is a source related to Aarti, Stotra, Chalisa, Mantra, Festivals, Vrat, Rituals, and Sanatan Lifestyle.