गुरु गायत्री मंत्र | Guru Gayatri Mantra : ज्ञान की प्राप्ति

गुरु गायत्री मंत्र का जाप करने से जीवन में ज्ञान और ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति होती है, जिससे व्यक्ति अध्यात्म को समझने लगता है और अध्यात्म को उन्नति की ओर ले जाता है। Guru gayatri mantra का जाप आत्मा को आध्यात्मिक संजीवनी शक्ति से भर देता है, जिससे व्यक्ति का आध्यात्मिक शक्ति और सफर हमेशा आगे बढ़ता रहता है। यह न केवल आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में संतुलन और स्थिरता लाने में भी सहायक है।

इस गायत्री मंत्र का नियमित जाप साधक के जीवन से अज्ञानता, भ्रम और नकारात्मकता को समाप्त करता है। यह मंत्र व्यक्ति के भीतर छिपी संभावनाओं को उजागर करता है और उसे सच्चाई, विवेक और अनुशासन के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है। यह मंत्र हमें यह विश्वास दिलाता है कि सच्चे श्रद्धा और समर्पण के साथ गुरु की शरण में आने पर हर संकट और अज्ञान का अंत संभव है।

Guru Gayatri Mantra

ॐ गुरुदेवाय विद्महे,
परब्रह्माय धीमहि।
तन्नो गुरुः प्रचोदयात॥

इसके साथ-साथ आप Durga Gayatri Mantra, hanuman gayatri mantra, shiv gayatri mantra और ganesh gayatri mantra का जाप भी आपके लिए लाभदायक हो सकता है। ऐसा माना जाता है की इन मंत्रो के जाप से इनकी कृपा सदैव आपके ऊपर बनी रहती है।

गुरु गायत्री मंत्र का जाप करने की विधि

  1. स्नान: सबसे पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. उपयुक्त स्थान: जाप शुरू करने से पहले साफ-सुथरा और ध्यान के लिए उचित स्थान चुनें जहां आपको ध्यान करने में कोई बाधा न पहुंचा सके। 
  3. आसन बैठकर: सबसे पहले आप सुखासन या पद्मासन में बैठें जाएँ। 
  4. शुद्धि: ध्यान से पहले  हाथ धोकर, धुप और अगर्बत्ती से अपने चारों ओर की वातावरण की शुद्धि कर लें। 
  5. दृष्टि स्थान: ध्यान भटके नहीं इसके लिए नासिकाग्र दृष्टि स्थान का चयन करें। इससे आप का ध्यान किसी एक ही स्थान पर केंद्रित रहेगा और आपका ध्यान इससे भटकेगा नहीं।
  6. संकल्प: मन में संकल्प लें कि आप मंत्र जाप कर रहे हैं और इसके जाप से आप अपने अंतरात्मा तथा अध्यात्म से जुड़ना चाहतें है। 
  7. मंत्र जाप: अब आप मंत्र का जाप कर सकते है। माला का उपयोग करके मंत्र की जप गणना करें। इस मंत्र का जाप ध्यानपूर्वक और श्रद्धाभाव से करना चाहिए। जाप के समय मंत्र का अर्थ समझें और उसे याद करें।
  8. समाप्ति: अंत में गुरु को प्रणाम करें और अपने जीवन में सुख समृद्धि की प्रार्थना करें।

इस प्रकार, नियमित जाप करने से आत्मा को ऊर्जा, ज्ञान, और शांति की प्राप्ति होती है।

मंत्र के जाप के लाभ:

  1. आत्मिक शक्ति: नियमित जाप करने से शरीर और आत्मा में ऊर्जा भरपूर दिखाई देता है। 
  2. ब्रह्मज्ञान: जाप से व्यक्ति अपने अन्तः मन को जाने लगता है और ब्रह्मज्ञान की शिक्षा भी मिलने लगती है। 
  3. मानसिक शांति: जाप से मानसिक शांति और जीवन में स्थिरता महसूस होती है, जिससे तनाव और चिंता कम होती हैं।
  4. बुद्धिमत्ता: जाप से व्यक्ति में बुद्धि क्षमता बढ़ती है, जिससे व्यक्ति अपने जीवन में सही निर्णय ले पाता है।
  5. आत्म-समर्पण: जाप से व्यक्ति अपने आप को पूरी तरह से भगवान को समर्पित कर देता है। 
  6. विद्या: नियमित जाप से व्यक्ति का ज्ञान बढ़ता रहता है, जिससे व्यक्ति अपने जीवन को सफल बना पाता है।
  7. आध्यात्मिक विकास: नियमित जाप करने से व्यक्ति का आध्यात्मिक ज्ञान बढ़ता रहता है, और वह ब्रह्मज्ञान को समझने लगता है। 
  8. सामाजिक संबंध: गुरु जी के गायत्री मंत्र का श्रद्धापूर्वक नियमित जाप करने से व्यक्ति का सामाजिक और परिवारिक रिश्ता और मजबूत होता जाता है और वह सभी रिश्तों को निभाने में सक्षम रहता है। 
  9. रोग निवारण: जाप करने से शारीरिक और मानसिक रोगों का नाश होता है, व्यक्ति स्वस्थ रहता है और हमारे शरीर का प्रतिरोधक क्षमता बढ़ता रहता है। 
  10. कल्याणकारी ऊर्जा: गुरु मंत्र के जाप से हम  सकारात्मक ऊर्जा को अपने चारों ओर बढ़ाते  है यह मंत्र व्यक्ति को समृद्धि बनाता है और इस मंत्र के उच्चारण से व्यक्ति का जीवन मंगलमय बन जाता है।

FAQ

इसका जाप कितनी बार करना चाहिए ?

जाप सामान्यत: दिन में 108 बार किया जाता है, लेकिन यह आपकी साधना और समय के आधार पर बदल सकता है।

मंत्र जाप के लिए सबसे उचित समय क्या है ?

क्या इसका जाप कोई भी कर सकता है ?

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