Hanuman Ashtak in Hindi | हनुमान अष्टक इन हिंदी

हनुमान अष्टक इन हिंदी उन भक्तों के लिए एक उत्तम साधन है, जो भगवान हनुमान की कृपा से अपने जीवन के सभी संकटों से छुटकारा पाना चाहते हैं। इसमें आठ मंत्रात्मक श्लोक होते हैं, जो उनके बल, बुद्धि, और भक्तों के प्रति उनके असीम प्रेम का वर्णन करते हैं। जो लोग जीवन में निरंतर संघर्ष और बाधाओं का सामना कर रहे हैं, उनके लिए हनुमान अष्टक का नियमित रूप से जाप करना अत्यधिक फलदायी हो सकता है।

विशेषकर मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान अष्टक का पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इससे मानसिक शांति, शारीरिक स्वास्थ्य और जीवन में सफलता प्राप्त होती है। यदि आप Hanuman Ashtak in Hindi खोज रहे हैं तो आप सही जगह पर आये हैं। हमने यहाँ आपके लिए सम्पूर्ण हनुमान अष्टक को मुख्य रूप से उपलब्ध कराया है।

Hanuman Ashtak in Hindi

बाल समय रवि भक्षी लियो तब।
तीनहुं लोक भयो अंधियारों॥

ताहि सों त्रास भयो जग को।
यह संकट काहु सों जात न टारो॥१॥


देवन आनि करी बिनती तब।
छाड़ी दियो रवि कष्ट निवारो ॥
को नहीं जानत है जग में कपि।
संकटमोचन नाम तिहारो ॥२॥

बालि की त्रास कपीस बसैं गिरि।
जात महाप्रभु पंथ निहारो ॥
चौंकि महामुनि साप दियो तब।
चाहिए कौन बिचार बिचारो ॥३॥


कैद्विज रूप लिवाय महाप्रभु।
सो तुम दास के सोक निवारो ॥

अंगद के संग लेन गए सिय।
खोज कपीस यह बैन उचारो॥४॥


जीवत ना बचिहौ हम सो जु।
बिना सुधि लाये इहाँ पगु धारो ॥
हेरी थके तट सिन्धु सबै तब।
लाए सिया-सुधि प्राण उबारो ॥५॥

रावण त्रास दई सिय को सब।
राक्षसी सों कही सोक निवारो ॥
ताहि समय हनुमान महाप्रभु।
जाए महा रजनीचर मारो ॥६॥


चाहत सीय असोक सों आगि सु।
दै प्रभुमुद्रिका सोक निवारो ॥

बान लग्यो उर लछिमन के तब।
प्राण तजे सुत रावन मारो ॥७॥


लै गृह बैद्य सुषेन समेत।
तबै गिरि द्रोण सु बीर उपारो ॥
आनि सजीवन हाथ दई तब।
लछिमन के तुम प्रान उबारो ॥८॥

रावन युद्ध अजान कियो तब।
नाग कि फाँस सबै सिर डारो॥
श्रीरघुनाथ समेत सबै दल।
मोह भयो यह संकट भारो ॥९॥


आनि खगेस तबै हनुमान जु।
बंधन काटि सुत्रास निवारो ॥

बंधु समेत जबै अहिरावन।
लै रघुनाथ पताल सिधारो ॥१०॥


देबिहिं पूजि भलि विधि सों बलि।
देउ सबै मिलि मन्त्र विचारो॥
जाय सहाय भयो तब ही।
अहिरावन सैन्य समेत संहारो ॥११॥

काज किये बड़ देवन के तुम।
बीर महाप्रभु देखि बिचारो ॥
कौन सो संकट मोर गरीब को।
जो तुमसे नहिं जात है टारो ॥१२॥


बेगि हरो हनुमान महाप्रभु।
जो कछु संकट होय हमारो ॥१३॥

॥ दोहा ॥
लाल देह लाली लसे,
अरु धरि लाल लंगूर,
वज्र देह दानव दलन,
जय जय जय कपि सूर॥

कुछ भक्त संकटो और बुरी शक्तियों से मुक्ति पाने के लिए Sankat Mochan Hanuman Ashtak और Hanuman Chalisa Bhajan का विशेष पाठ करते है।

हनुमान अष्टक इन हिंदी पाठ विधि

  1. स्नान: सबसे पहले स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहन लें।
  2. स्थान: पूजा के लिए एक शांत और स्वच्छ स्थान का चयन करें। यदि संभव हो, एक पूजा कक्ष बनाएं। पूजा स्थल पर हनुमान जी की मूर्ति या चित्र को स्थापित करे।
  3. साधना के लिए सामग्री: फिर चढ़ावे के लिए चंदन, कुंकुम, अगरबत्ती, दीप, फूल, पुष्प माला, प्रसाद, और अष्टगंध आदि आवश्यक सामग्री तैयार कर लें। 
  4. शुद्धि करें: शुद्ध जल से हाथ धोकर गंगाजल से पूजा स्थान का आचमन करे और मंत्रों का उच्चारण करके मन की भी शुद्धि कर ले। 
  5. पाठ: पूरी श्रद्धा के साथ अस्तक का पाठ करें और महत्वपूर्ण बिंदु को समझने का प्रायः करें।
  6. ध्यान और भक्ति: पाठ करते समय, हनुमान जी के चित्र को ध्यान से देखें और उनके भक्ति भावना में डूब जाएँ।
  7. प्रणाम: हनुमान अष्टक का पाठ समाप्त होने पर हनुमान जी को दिल से प्रणाम करें।
  8. आरती और प्रसाद: पूजा के अंत में हनुमानजी की आरती गाएं और उन्हें प्रसाद चढ़ा कर लोगों को बाट दें ।
  9. समापन: पूजा का समापन करने के बाद, श्रद्धा भाव से हनुमानजी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उनसे प्रार्थना करें और अपनी इच्छानुसार कुछ भी  मांगें।

यह हनुमान अष्टक का पाठ करने की सामान्य विधि है, लेकिन यदि आपके पास किसी विशेष पूजा विधि की जानकारी है तो आप उसे भी अनुसरण कर सकते हैं।

पाठ करने से होने वाले लाभ

  • आध्यात्मिक उन्नति: हनुमान अष्टक का पाठ करने से हम अपने अंतरात्मा को समझने लगते हैं और आध्यात्म की शक्ति को महसूस करते है।
  • भक्ति और श्रद्धा: यह पाठ हनुमानजी के प्रति भक्तिभाव और श्रद्धा को बढ़ाता है और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है। 
  • बुराईयों से मुक्ति: इस अष्टक का नियमित श्रद्धा से पाठ करने से बुराईयों और नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति मिलती है।
  • मानसिक शांति: पाठ करने से मानसिक चिंता खत्म होता है और मन को शांति मिलती है।
  • सुख-शांति की प्राप्ति: यह पाठ जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि लाती है।
  • रोग निवारण: सच्ची भक्ति से हनुमान जी पूजा -पाठ करने से शारीरिक और मानसिक रोगों का नाश होता है प्रतिरोधक क्षमता बढ़ता है और शरीर हमेशा स्वस्थ्य रहता है।
  • बुद्धि और बल का वरदान: हनुमान जी को बल ,विद्या  और साहस का देवता माना जाता है इसलिए हनुमान अष्टक का पाठ करने से हमारा  बुद्धि, बल, और साहस बढ़ता है, जो हमे अपने जीवन में सफलता की उचाईयां प्राप्त करने में मदद करता है।
  • कष्ट निवारण: इस मंत्र का पाठ करने से जीवन के कष्टों और संघर्षों से मुक्ति मिलता है और जीवन सुखमय बनाता है।
  • कार्यों में सफलता: हनुमान अष्टक का पाठ करने से हमे अपने कार्यों में सफलता मिलती है और कार्यों में आने वाली बाधाएं भी खत्म होती हैं तथा उन बाधाओं का सामना करने की क्षमता मिलती है। 

FAQ

हनुमान अष्टक क्या है ?

हनुमान अष्टक हिंदू धर्म का एक प्रमुख धार्मिक ग्रंथ है जो हनुमानजी की महिमा, शक्तियों, और उनके प्रति भक्ति का भाव व्यक्त करता है। यह अष्टक धर्म से जुड़ने तथा उसे आगे लेजाने के लिए प्रोत्साहित करता है।

हनुमान अष्टक का पाठ कितनी बार करना चाहिए ?

क्या यह पाठ हर कोई कर सकता है ?

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