दो एकम दो दो दुनी चार भजन लिरिक्स

भक्ति की भाषा सरल हो या गूढ़, जब माँ दुर्गा की महिमा का वर्णन होता है, तो हर शब्द भक्तों के दिल में बस जाता है। दो एकम दो, दो दुनी चार भजन माँ के चमत्कारी प्रभाव और भक्तों पर उनकी कृपा को बड़ी ही सरल और मधुर शैली में प्रस्तुत करता है। जब भी यह भजन गाया जाता है, मन भक्तिभाव से भर जाता है और माँ की दिव्यता का अनुभव होता है।

Do Ekam Do Do Duni Char Bhajan Lyrics

दो एकम दो दो दुनी चार,

प्रेम से बोलो,

मैया जी की जय जयकार।

दोहा – चाहे जितनी उम्र हमारी,

पर माँ के है बच्चे सारे,

आओ याद करे पहाड़ावाली को,

गिन कर आज पहाड़े।

दो एकम दो दो दुनी चार,

प्रेम से बोलो,

मैया जी की जय जयकार,

दो तिया छह दो चौके आठ,

देखो जी देखो जी,

मेरी मैया जी के ठाठ,

दो एकम दो दो दूनी चार,

प्रेम से बोलो,

मैया जी की जय जयकार,

चोला लाल मैया का चोला,

लाल लाल लाल,

दो एकम दो दो दूनी चार,

प्रेम से बोलो,

मैया जी की जय जयकार।।

मैया की महिमा है बड़ी महान,

जयकारे से गूंजता है सारा जहान,

शेरावाली मैया तेरी ऊँची है शान,

बच्चों को ममता का देती वरदान,

लाल है बिंदिया लाल है चुनरिया,

लाल है बिंदिया लाल है चुनरिया,

लाली करे कमाल, लाल लाल,

चोला लाल मैया का चोला,

लाल लाल लाल,

दो एकम दो दो दूनी चार,

प्रेम से बोलो,

मैया जी की जय जयकार,

दो पन्जे दस दो छक्के बारह,

भक्तो को मैया ने दिया सहारा।।

शक्ति की ज्योत देवो ने लगाई,

शक्ति की शक्ति ने धूम मचाई,

भरते है पानी देवताओं के राजा,

राजा इंद्र ने बाल्टी मंगाई,

भैरव करते है निगरानी,

लेकर हाथ में भाला, लाल लाल,

चोला लाल मैया का चोला,

लाल लाल लाल,

दो एकम दो दो दूनी चार,

प्रेम से बोलो,

मैया जी की जय जयकार,

दो सत्ते चौदह दो अठे सोलह,

मैयाजी के भजनों में तन मन डोला।।

पवन देव ने आके रसोई बनाई,

सूरज की किरणों ने अग्नि जलाई,

चंद्रमा की चांदनी ने किया है उजाला,

तारी सितारों ने थाली सजाई,

शेरावाली के भरे भंडारे,

करती है मालामाल, लाल लाल,

चोला लाल मैया का चोला,

लाल लाल लाल,

दो एकम दो दो दूनी चार,

प्रेम से बोलो,

मैया जी की जय जयकार,

दो नव्वे अठारह दो दाहे बीस,

शक्ति के चरणों में झुक जाए शीश।।

दो एकम दो दो दूनी चार,

प्रेम से बोलो,

मैया जी की जय जयकार,

दो तिया छह दो चौके आठ,

देखो जी देखो जी,

मेरी मैया जी के ठाठ,

दो एकम दो दो दूनी चार,

प्रेम से बोलो,

मैया जी की जय जयकार,

चोला लाल मैया का चोला,

लाल लाल लाल,

दो एकम दो दो दूनी चार,

प्रेम से बोलो,

मैया जी की जय जयकार।।

माँ दुर्गा का हर भजन उनकी महिमा का गुणगान करता है और भक्तों को उनकी कृपा का एहसास कराता है। “दो एकम दो, दो दुनी चार” भी एक ऐसा ही भजन है, जो भक्ति के सरल लेकिन गहरे भावों को प्रकट करता है। अगर यह भजन सुनकर आपका मन भी माँ की भक्ति में रम गया है, तो “नवराते में मैया ये काम कर दे” जैसे अन्य भजन भी सुनें और माँ की कृपा का आनंद लें। जय माता दी! 🙏✨

Share

Leave a comment