अपने भगत से कितना माँ प्यार करती है लिरिक्स

अपने भगत से कितना माँ प्यार करती है भजन मां दुर्गा की असीम ममता और अपने भक्तों के प्रति उनके निस्वार्थ प्रेम को दर्शाता है। यह भजन हमें याद दिलाता है कि मां केवल हमारी आराधना ही नहीं स्वीकार करतीं, बल्कि हमारी हर पीड़ा को भी अपने आंचल में समेट लेती हैं। जब संसार हमें ठुकरा देता है, तब मां अपने भक्तों को अपनी गोद में स्थान देती हैं।

Apne Bhagat Se Kitna Maa Pyar Karti Hai

अपने भगत से कितना,
माँ प्यार करती है,
रहती है झुँझन में,
पर ध्यान रखती है,
अपनें भगत से कितना,
माँ प्यार करती है।1।

जब भी पुकारूँ मैं,
माँ दौड़ कर आए,
चांदी का सिंहासन,
माँ छोड़कर आए,
अपने भगत पर कितना,
उपकार करती है,
रहती है झुँझन में,
पर ध्यान रखती है,
अपनें भगत से कितना,
माँ प्यार करती है।2।

करती है रखवाली,
दिन रात भक्तों की,
सुनती हमेशा वो,
हर बात भक्तों की,
मजधार हो नैया,
माँ पार करती है,
रहती है झुँझन में,
पर ध्यान रखती है,
अपनें भगत से कितना,
माँ प्यार करती है।3।

हम मांगते रहते,
वो भेजती रहती,
भक्तों की हालत को,
वो देखती रहती,
भक्तों की खाली झोली,
हर बार भरती है,
रहती है झुँझन में,
पर ध्यान रखती है,
अपनें भगत से कितना,
माँ प्यार करती है।4।

कर्जा तुम्हारा माँ,
कैसे उतारेंगे,
‘बनवारी’ सेवा में,
जीवन गुजारेंगे,
गर्दन झुकी है मेरी,
आँखें बरसती है,
रहती है झुँझन में,
पर ध्यान रखती है,
अपनें भगत से कितना,
माँ प्यार करती है।5।

अपने भगत से कितना,
माँ प्यार करती है,
रहती है झुँझन में,
पर ध्यान रखती है,
अपनें भगत से कितना,
माँ प्यार करती है।6।

मां अपने भक्तों के सुख-दुख में सदैव उनके साथ रहती हैं, उन्हें आशीर्वाद देती हैं और हर संकट से उबारती हैं। उनकी भक्ति से मन को शांति और आत्मा को सुकून मिलता है। यदि यह भजन आपको मां के प्रेम की अनुभूति करा रहा है, तो आपको [“सुन हाल मेरा शेरावालिये”](दूसरे भजन का लिंक डालें) भजन भी अवश्य सुनना चाहिए, जिसमें भक्त की पुकार और मां की कृपा का मार्मिक चित्रण किया गया है। आइए, मां के चरणों में समर्पित होकर उनकी महिमा का गुणगान करें। जय माता दी! 🚩

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