नवरात्रि के प्रथम दिन माता शैलपुत्री की पूजा का विशेष महत्व होता है। यदि कोई भक्त सच्चे मन से शैलपुत्री का मंत्र का जाप करता है तो उसे माता की विशेष कृपा प्राप्त होती है। Shailputri Ka Mantra साधक को मन, वचन और कर्म से शुद्ध बनाकर जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्रदान करता है। हमने खास आपके लिए इस दिव्य मंत्र को यहां उपलब्ध कराया है-
Shailputri Mata Ka Mantra
मां शैलपुत्री का प्राथना मंत्र
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे,
ॐ शैलपुत्री देव्यै नम:।
मां शैलपुत्री का उपासना मंत्र
वन्देवांछितलाभाय चन्दार्धकृतशेखराम्,
वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥
ऊँ देवी शैलपुत्र्यै नमः॥
या देवी सर्वभूतेषु शैलपुत्री रूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नम:॥
वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्,
वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥

शैलपुत्री का मंत्र का नियमित जाप करने से साधक को मानसिक शांति, स्वास्थ्य और धन-वैभव की प्राप्ति होती है। अतः नवरात्रि के प्रथम दिन Mata Shailputri Ka Mantra का जाप अवश्य करें और माता की कृपा प्राप्त करें। माँ शैलपुत्री की उपासना के दौरान शैलपुत्री माता की आरती गाना, शैलपुत्री चालीसा का पाठ करना और शैलपुत्री माता की कथा सुनना बेहद फलदायी माना जाता है। साथ ही, माँ को प्रसन्न करने के लिए शैलपुत्री का भोग अर्पित किया जाता है, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
Shailputri Ka Mantra जाप करने की विधि
सही विधि से मंत्र जाप करने से मनोकामनाएँ शीघ्र पूर्ण होती हैं और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। आइए जानते हैं Shailputri Ka Mantra जाप करने की सही विधि।
- शुद्धिकरण: प्रातः ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे) में स्नान करें और स्वच्छ सफेद या लाल वस्त्र धारण करें। पूजा स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें और आसन पर बैठें।
- पूजा स्थल: माँ शैलपुत्री की प्रतिमा या चित्र को चौकी पर स्थापित करें। माँ को सफेद फूल, चंदन, अक्षत (चावल) और मिठाई अर्पित करें।
- दीपक जलाना: माता की आरती करने के लिए एक थाली में घी का दीपक रखें। यदि संभव हो तो पंचमुखी दीपक जलाएं, जो माँ को अधिक प्रिय होता है। दीपक के साथ कर्पूर (कपूर) भी प्रज्वलित करें, जिससे वातावरण सुगंधित और शुद्ध होगा।
- संकल्प: मंत्र जाप से पहले आँखें बंद करें और माँ शैलपुत्री का ध्यान करें। अपनी मनोकामना व्यक्त करें और संकल्प लें कि आप श्रद्धा भाव से मंत्र जाप करेंगे।
- मंत्र जाप: अब पूरी एकाग्रता से Maa Shailputri Ka Mantra का जाप करें। इस मंत्र का 108 बार जाप करें। जाप के लिए रुद्राक्ष या चंदन की माला का प्रयोग करें। मंत्र का उच्चारण स्पष्ट और शुद्ध होना चाहिए।
- आरती और प्रसाद: मंत्र जाप के बाद माँ शैलपुत्री की आरती करें और माता को अर्पित भोग का प्रसाद ग्रहण करें व दूसरों में बाँटें।
- समापन: अंत में माता से अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए प्रार्थना करें और जरूरतमंदों को दान करें। नियमित रूप से इस मंत्र का जाप करने से माँ शैलपुत्री की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
यदि इस विधि से मंत्र जाप किया जाए, तो यह शीघ्र फलदायी होता है और साधक को मानसिक व आध्यात्मिक शांति प्राप्त होती है। माता की कृपा से जीवन की सभी बाधाएँ दूर हो जाती हैं और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
FAQ
शैलपुत्री के मंत्र का जाप कब करना चाहिए?
मंत्र नवरात्रि के पहले दिन विशेष रूप से प्रातः काल और संध्या के समय जपना चाहिए।
शैलपुत्री के मंत्र के जाप से क्या लाभ होता है?
शैलपुत्री के मंत्र के जाप से मानसिक शांति, शारीरिक आरोग्य, सुख-समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।
मंत्र कितनी बार जपना चाहिए?
मंत्र नवरात्रि के पहले दिन कम से कम 108 बार जपना चाहिए।
क्या शैलपुत्री के मंत्र का जाप घर पर किया जा सकता है?
हाँ, शैलपुत्री के मंत्र का जाप घर पर प्रतिदिन किया जा सकता है।
क्या यह मंत्र सभी इच्छाओं की पूर्ति कर सकता है?
जी हाँ, यदि कोई भक्त सच्चे मन से और विधिपूर्वक माता शैलपुत्री के मंत्र का जाप करता है तो उसकी मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण होती हैं।

मैं शिवप्रिया पंडित, माँ शक्ति का एक अनन्य भक्त और विंध्येश्वरी देवी, शैलपुत्री माता और चिंतापूर्णी माता की कृपा से प्रेरित एक आध्यात्मिक साधक हूँ। मेरा उद्देश्य माँ के भक्तों को उनके दिव्य स्वरूप, उपासना विधि और कृपा के महत्व से अवगत कराना है, ताकि वे अपनी श्रद्धा और भक्ति को और अधिक दृढ़ बना सकें। मेरे लेखों में इन देवी शक्तियों के स्तोत्र, चालीसा, आरती, मंत्र, कथा और पूजन विधियाँ शामिल होती हैं, ताकि हर भक्त माँ की आराधना सही विधि से कर सके और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को सुख-समृद्धि से भर सके। जय माता दी! View Profile 🙏🔱