वीणा वादिनी दुख हारिणि माँ शारदे भजन लिरिक्स

वीणा वादिनी दुख हारिणि माँ शारदे भजन मां सरस्वती की महिमा का गुणगान करता है, जो ज्ञान, विद्या और संगीत की अधिष्ठात्री देवी हैं। जब जीवन में अज्ञानता का अंधकार छा जाता है, तब मां शारदा का आशीर्वाद ही प्रकाश बनकर मार्ग दिखाता है। आइए, इस भजन के माध्यम से मां सरस्वती का स्मरण करें और उनके आशीर्वाद से अपना जीवन प्रकाशित करें।

Vira Vadini Dukh Harini Maa Sarde Bhajan

वीणा वादिनी दुख हारिणि,
भव सिंधु से तू उबार दे,
माँ शारदे माँ शारदे।1।

करुणामयी ममतामयी,
पूजे तुझे सारा जहां,
मझधार में मैं पड़ा हूँ माँ,
तू ही बता जाऊं कहाँ,
आया हूँ तेरे दर पे मैं,
मेरे सारे काज संवार दे,
माँ शारदे माँ शारदे।2।

है अंधेरा चारो ओर माँ,
मुश्किल में है अब मेरी जान,
तू ज्ञान दीप जला दे माँ,
रोशन करो सारा जहां,
मुझपे दया की नज़र करो,
मुझको भी थोड़ा प्यार दे,
माँ शारदे माँ शारदे।3।

वीणा वादिनी दुख हारिणि,
भव सिंधु से तू उबार दे,
माँ शारदे माँ शारदे।4।

मां सरस्वती की कृपा से ही मनुष्य को बुद्धि, ज्ञान और विवेक की प्राप्ति होती है। उनकी भक्ति करने से न केवल विद्या और कला का विकास होता है, बल्कि जीवन में आत्मिक शांति भी मिलती है। यदि यह भजन आपको भक्तिरस में डुबो रहा है, तो आपको [“जागरण की रात मईया, आज तुम्हें आना है”](दूसरे भजन का लिंक डालें) भजन भी अवश्य सुनना चाहिए, जो मां दुर्गा के जागरण और उनकी कृपा का भावपूर्ण वर्णन करता है। आइए, मां शारदा के चरणों में नमन करें और उनके आशीर्वाद से अपना जीवन संवारें। जय माता दी! 🚩

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