शेरावालिये मेहरावालिये सानू प्यार दवी – पंजाबी भजन

जब भक्त माँ शेरावाली के चरणों में समर्पित होता है, तो उसकी हर पुकार में प्रेम और श्रद्धा झलकती है। शेरावालिये मेहरावालिये सानू प्यार दई भजन में माँ से प्रेम और कृपा की विनती की गई है। यह भजन माँ के करुणामयी रूप का गुणगान करता है, जो अपने भक्तों पर अपार स्नेह बरसाती हैं और उन्हें हर संकट से बचाती हैं

Sherawaliye Mehravaliye Sanu Pyar Davi

शेरावालिये मेहरावालिये,
सानू प्यार दवी,
दर ते आये भगतां नु,
माँ तार दवी।1।

कठिन चढ़ाईया चड़के दातिये,
लाल तेरे दर आये ने,
छत्तर ते चूनरी लाल तेरी,
ओ नाल माँ लाइले आये ने,
ऐना भगता दी तू,
हाजरी परवान करी,
ऐना बचेया दी तू,
हाजरी परवान करी,
दर ते आये भगतां नु,
माँ तार दवी।2।

इक रीज सी दिल विच,
बड़े चिरां तो दाती तेरे दर्शन दी,
अज्ज करके तेरा दर्शन माँ,
हो गयी ऐ तृप्ति तन मन दी,
बस ऐदा ही तू पगता,
नु दीदार दवी,
सदा ऐदा ही तू पगता,
नु दीदार दवी,
दर ते आये भगतां नु,
माँ तार दवी।3।

ऊंचे ऊंचे पर्वता दे विच,
भवन है सजेया तेरा माँ,
दर तेरे तो जावण दा,
हूण जी नई करदा मेरा माँ,
‘सेठी’ नु मौका आऊंण दा,
तू हर साल दवी,
दर ते आये भगतां नु,
माँ तार दवी।4।

शेरावालिये मेहरावालिये,
सानू प्यार दवी,
दर ते आये भगतां नु,
माँ तार दवी।5।

माँ शेरावाली की महिमा अपरंपार है, और जो भी सच्चे मन से उन्हें पुकारता है, वे उसकी झोली खुशियों से भर देती हैं। “शेरावालिये मेहरावालिये सानू प्यार दई” भजन माँ की असीम कृपा को दर्शाता है। यदि यह भजन आपको भक्ति रस में डुबो देता है, तो “मैं ता तेरे कोलो महारानी कई होर भी कम कराने ने” भजन भी अवश्य सुनें, जो भक्त और माँ के आत्मीय संबंध को और गहराई से व्यक्त करता है।

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