आओ मात जी तुहाडा मंदर सजाया ऐ

जब भक्त सच्चे मन से माँ को अपने घर और दिल में आमंत्रित करता है, तो माँ अवश्य पधारती हैं। “आओ मात जी तुहाडा मंदर सजाया ऐ” भजन में यही भाव प्रकट होता है, जहां भक्त माँ को सादर आमंत्रित करता है और उनके स्वागत के लिए पूरा मंदिर प्रेम और श्रद्धा से सजा देता है। यह भजन भक्त और माँ के बीच की आत्मीयता को दर्शाता है, जो हर हृदय को भक्ति से भर देता है।

Aao Mat Ji Tuhada Mandar Sajaya Ye

आओ मात जी,
तुहाडा मंदर सजाया ऐ,
ज्योत जगाके,
तवानू घर च बुलाया है।1।

चंदन दी चौकी उत्ते,
आसन बिछाके माँ,
तेरी सोणी मूरत नू,
फूल्ला नाल सजाके माँ,
ज्योत नूरानी विच,
मैं ध्यान लगाया ऐ।2।

सोने दा गड्वा,
गंगाजल पानी माँ,
आके स्नान रचाओ,
महारानी माँ,
केसर रोली मत्थे,
तिलक लगाया ऐ।3।

गोटे ते किनारी वाली,
चुन्नी मै बनाई माँ,
भेटा जे कबूल करे,
तेरी बडयाई माँ,
मेवे ते फल्ला दा मां,
भोग लगाया ऐ।4।

ध्यानू भगत दी सदा,
लाज बचाई माँ,
बाणीऐ आवाज मारी,
दौडी चली आई माँ,
बंसी वी लाल तेरा,
ओनू क्यो भूलाया ऐ।5।

आओ मात जी,
तुहाडा मंदर सजाया ऐ,
ज्योत जगाके,
तवानू घर च बुलाया है।6।

माँ अपने भक्तों के बुलावे पर अवश्य आती हैं और अपनी कृपा से जीवन को आनंदमय बना देती हैं। “आओ मात जी तुहाडा मंदर सजाया ऐ” भजन माँ के स्वागत और उनकी महिमा का सुंदर वर्णन करता है। यदि यह भजन आपको भक्तिभाव से भर देता है, तो “आज हमारे घर में मैया आई है” भजन भी अवश्य सुनें, जिसमें माँ के आगमन की दिव्यता और आनंद का गुणगान किया गया है।

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