दादी अर्ज गुजारु कर लिज्यो मंजूर लिरिक्स

सच्चे मन से की गई प्रार्थना कभी व्यर्थ नहीं जाती, और जब भक्त अपनी भावनाओं को माँ के चरणों में अर्पित करता है, तो माँ अवश्य ही उसकी पुकार सुनती हैं। दादी अर्ज गुजारु कर लिज्यो मंजूर भजन में भक्त अपनी विनती रानी सती दादी जी के चरणों में रखता है, उनसे कृपा और आशीर्वाद की याचना करता है। यह भजन हमें दादी जी की असीम करुणा और भक्तों के प्रति उनके प्रेम की याद दिलाता है।

Dadi Arj Gujaru Kar Lijyo Manjur

दादी अर्ज गुजारु,
कर लिज्यो मंजूर,
थारे चरणा से म्हाने,
किज्यो मत दूर,
कीज्यो मत दूर दादी,
किज्यो मत दूर,
थारे चरणा से म्हाने,
किज्यो मत दूर।1।

थे मायत म्हें टाबर थारा,
नित का हुकुम बजावां,
थारी किरपा से म्हारी दादी,
म्हें परिवार चलावां,
म्हारी विनती पे,
म्हारी विनती पे,
गौर फरमायज्यों जरुर,
थारे चरणा से म्हाने,
किज्यो मत दूर।2।

जो थे बिसराओ म्हारी मैय्या,
और कठे म्हें जावां,
थारे बिन मन की बाता म्हें,
किनै जाय सुणावां,
झूठी दुनिया का,
झूठी दुनिया का,
रिश्ता का झूठा दस्तूर,
थारे चरणा से म्हाने,
किज्यो मत दूर।3।

टाबर की नादानी दादी,
दिल से मती लगा लिज्यो,
भुल चूक हो ज्या तो दादी,
टाबर समझ भूला दिज्यो,
‘गोलु’ मिनख,
‘गोलु’ मिनaख जहां में,
पग पग मजबूर,
थारे चरणा से म्हाने,
किज्यो मत दूर।4।

दादी अर्ज गुजारु,
कर लिज्यो मंजूर,
थारे चरणा से म्हाने,
किज्यो मत दूर,
कीज्यो मत दूर दादी,
किज्यो मत दूर,
थारे चरणा से म्हाने,
किज्यो मत दूर।5।

रानी सती दादी जी अपने भक्तों की हर अर्ज सुनती हैं और उन्हें अपने आशीर्वाद से कृतार्थ करती हैं। “दादी अर्ज गुजारु कर लिज्यो मंजूर” भजन हमें सिखाता है कि सच्ची श्रद्धा और विश्वास के साथ की गई प्रार्थना जरूर पूरी होती है। यदि यह भजन आपको भक्ति भाव से भर देता है, तो “कैसे करूँ धन्यवाद मावड़ी रानी सती दादी” भजन भी अवश्य सुनें, जिसमें भक्त माँ के अनंत आशीर्वादों के लिए उनका आभार प्रकट करता है।

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