हंस वाहिनी जगत व्यापिनी वाणी माँ लिरिक्स

माँ सरस्वती, जो हंस वाहिनी और जगत व्यापिनी हैं, अपनी वाणी और ज्ञान से पूरे संसार को आलोकित करती हैं। हंस वाहिनी जगत व्यापिनी वाणी माँ भजन माँ सरस्वती की उस दिव्य महिमा का गुणगान करता है, जहाँ वे अपने भक्तों को बुद्धि, ज्ञान और वाणी की अद्भुत शक्ति प्रदान करती हैं। आइए, इस भजन के माध्यम से माँ सरस्वती की स्तुति करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।

Hans Vahini Jagat Vyapini Vani Maa Lyrics

हंस वाहिनी जगत व्यापिनी वाणी माँ,
करुणामई कल्याण कर कल्याणी माँ।1।

धधकती है ज्वाला माता,
धधकती है ज्वाल माता,
मोह की,,मोह की,,मोह की,
शांत कर दे शांतिदायनी वाणी माँ,
करुणामई कल्याण कर कल्याणी माँ।2।

दे उजाला राम के प्रिय,
दे उजाला राम के प्रिय,
नाम का,,नाम का,,नाम का,
दूर तम कर तिमिर नाशिनी वाणी माँ,
करुणामई कल्याण कर कल्याणी माँ।3।

प्रेम भरदे वाणी में माँ,
सोज भरदे वाणी में माँ,
शारदे,, शारदे,, शारदे,,
राम गुण गाती रहे मम वाणी माँ,
करुणामई कल्याण कर कल्याणी माँ।4।

हंस वाहिनी जगत व्यापिनी वाणी माँ,
करुणामई कल्याण कर कल्याणी माँ।5।

माँ सरस्वती केवल वाणी की देवी ही नहीं, बल्कि ज्ञान, संगीत और कला की अधिष्ठात्री हैं, जो भक्तों को उज्ज्वल भविष्य की राह दिखाती हैं। हंस वाहिनी जगत व्यापिनी वाणी माँ भजन माँ की इस असीम कृपा और जगत व्यापिनी शक्ति को प्रकट करता है। यदि यह भजन आपको माँ सरस्वती की भक्ति में डूबो देता है, तो “जयति जय जय माँ सरस्वती जयति वीणा धारिणी” भजन भी अवश्य करे, जिसमें माँ सरस्वती की वीणा की मधुर ध्वनि और उनकी असीम कृपा का सुंदर वर्णन किया गया है।

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