इतना बता दे दाती तेरा कैसे दर्श पायें

सच्चे भक्त की सबसे बड़ी अभिलाषा होती है माँ के दर्शन करना और उनकी कृपा प्राप्त करना। इतना बता दे दाती तेरा कैसे दर्श पायें भजन भक्त के उसी व्याकुल मन को दर्शाता है, जो माँ के साक्षात् दर्शन की लालसा रखता है। यह भजन हमें सिखाता है कि माँ दुर्गा के दर्शन केवल भक्ति, प्रेम, और समर्पण से ही संभव हैं।

Itna Bata De Daati Tera Darsh Kaise Payein

इतना बता दे दाती,
तेरा कैसे दर्श पायें,
दरशन की लालसा माँ,
मेरे दिल में है समाये।1।

खाया है मैंने धोखा,
अपनों से जिन्दगी में,
सुख चैन शान्ति मिलती,
बस तेरी बन्दगी में,
चरणों में बैठ तेरे,
तेरा नाम गुनगुनायें,
इतना बतादे दाती,
तेरा कैसे दर्श पायें।2।

मुझको ना चाहिए माँ,
दुनिया के हीरे मोती,
मन में यही तमन्ना,
गर पास मेरे होती,
बनकर तेरा पुजारी,
सेवा तुम्हारी चाहें,
इतना बतादे दाती,
तेरा कैसे दर्श पायें।3।

दर-दर है क्यों भटकता,
मंदिर बना ले मन को,
बाती बना ले खुद की,
ज्योति का पात्र तन को,
श्रद्धा से जो जलाये,
कभी ज्योत बुझ ना पाये,
इतना बतादे दाती,
तेरा कैसे दर्श पायें।4।

दीनों के दर्दे दिल में,
माँ की दिखेगी सूरत,
स्वारथ के चाहतों की,
माँ को नहीं जरूरत,
दरशन की तेरे इच्छा,
‘परशुराम’ को सताये,
इतना बतादे दाती,
तेरा कैसे दर्श पायें।5।

इतना बता दे दाती,
तेरा कैसे दर्श पायें,
दरशन की लालसा माँ,
मेरे दिल में है समाये।6।

“इतना बता दे दाती तेरा कैसे दर्श पायें” भजन माँ दुर्गा की भक्ति की गहराई को छूता है और हमें यह एहसास कराता है कि माँ के दर्शन पाने के लिए निष्कपट प्रेम और समर्पण ही सबसे बड़ा साधन है। माँ का आशीर्वाद जिस पर बरसता है, वह जीवन की हर कठिनाई को पार कर लेता है। इस भक्ति भाव को और अधिक गहराई से अनुभव करने के लिए “[मैया तेरे चरणों की धूल चाहिए]” जैसे भजन भी मन को आध्यात्मिक शांति और माँ की भक्ति में रंग देते हैं। माँ की कृपा सभी भक्तों पर बनी रहे, जय माता दी! ????????

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