नाच रहे बाला जी | Naach Rahe Bala Ji

जब भक्तों की श्रद्धा सच्चे हृदय से उमड़ती है, तब बालाजी महाराज स्वयं उनकी भक्ति का आनंद लेते हैं। नाच रहे बाला जी भजन इसी अलौकिक प्रेम और भक्तिभाव का प्रतीक है। जब भक्ति अपने चरम पर होती है, तब ऐसा प्रतीत होता है मानो स्वयं बालाजी महाराज आनंद में झूम रहे हों। यह भजन हमें यह अनुभव कराता है कि जब हम सच्चे मन से प्रभु का स्मरण करते हैं, तो वे हमारे हर सुख-दुख में हमारे साथ होते हैं।

Naach Rahe Bala Ji

तन पे लाल सिंदूर लगाके देखो नाच रहे बाला जी,
नाच रहे बाला जी देखो नाच रहे बाला जी……..

बैठे सज धज चारों भाई लक्ष्मण भरत चरत रघुराई ,
हो रघुराई आये शीश झुकाये देखो नाच रहे बाला जी,
तन पे लाल सिंदूर लगाके देखो नाच रहे बाला जी……..

हो गए बाला जी दीवाने अपने राम को लगे रिझाने,
हो कैसे अपनी गदा घुमाकर देखो नाच रहे बाला जी,
तन पे लाल सिंदूर लगाके देखो नाच रहे बाला जी……..

बोले खुश हो कर के भगवन तुमको वर देते है हनुमत,
हो यश पावे सिंदूर चढ़ावे देखो नाच रहे बाला जी,
तन पे लाल सिंदूर लगाके देखो नाच रहे बाला जी……..

भाव से जो सिंदूर चढाते वही तो मन इच्छा फल पाते,
हो गाते कृष्ण भजन बनाके अनु नाच रहे बाला जी,
तन पे लाल सिंदूर लगाके देखो नाच रहे बाला जी……

बालाजी महाराज की कृपा जिन पर बरसती है, उनके जीवन में आनंद और उमंग स्वतः आ जाती है। नाच रहे बाला जी भजन ने यदि आपके मन में भक्ति का उल्लास भर दिया है, तो “घोटा घोटा मेरे बाला जी का घोटा” भी अवश्य पढ़े, जिसमें बालाजी महाराज के दिव्य प्रसाद और उनकी महिमा का सुंदर वर्णन किया गया है। ???? जय श्री बालाजी महाराज!

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