हिन्दू धर्म में सूर्य को नौ ग्रहों का अधिपति माना जाता है। भास्कर ही ऐसे देवता हैं जो हमे प्रतिदिन दर्शन देते हैं। इसलिए भगवान सूर्य की पूजा व आरती हमे समय से कर लेना चाहिए। सूर्यदेव की आरती करने से अनेक बीमारिया, ग्रह दोष जैसे अनेक समस्याए खत्म हो जाती है।
इस लेख के माध्यम से हम आप को भगवान भास्कर की पूजा व Surya Aarti करने का सही तरीका और लाभ बताएंगे जिसे अन्य भक्तों की तरह आप भी अपने जीवन में अपनाकर इसके लाभों का अनुभव और सुख प्राप्त कर सकते हैं और दूसरों से साझा कर सकते है।
Surya Dev Ki Aarti
ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान…
जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा…
धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवानll
!! ॐ जय सूर्य भगवान !!
सारथी अरुण हैं प्रभु तुम, श्वेत कमलधारी… तुम चार भुजाधारीll
अश्व हैं सात तुम्हारे, कोटि किरण पसारे… तुम हो देव महानll
!! ॐ जय सूर्य भगवान !!
ऊषाकाल में जब तुम, उदयाचल आते… सब तब दर्शन पातेll
फैलाते उजियारा, जागता तब जग सारा… करे सब तब गुणगानll
!! ॐ जय सूर्य भगवान !!
संध्या में भुवनेश्वर अस्ताचल जाते… गोधन तब घर आतेll
गोधूलि बेला में, हर घर हर आंगन में… हो तव महिमा गान ll
!! ॐ जय सूर्य भगवान !!
देव-दनुज नर-नारी, ऋषि-मुनिवर भजते… आदित्य हृदय जपतेll
स्तोत्र ये मंगलकारी, इसकी है रचना न्यारी… दे नव जीवनदानll
!! ॐ जय सूर्य भगवान !!
तुम हो त्रिकाल रचयिता, तुम जग के आधार… महिमा तब अपरम्पारll
प्राणों का सिंचन करके भक्तों को अपने देते… बल, बुद्धि और ज्ञानll
!! ॐ जय सूर्य भगवान !!
भूचर जलचर खेचर, सबके हों प्राण तुम्हीं… सब जीवों के प्राण तुम्हींll
वेद-पुराण बखाने, धर्म सभी तुम्हें माने… तुम ही सर्वशक्तिमानll
!! ॐ जय सूर्य भगवान !!
पूजन करतीं दिशाएं, पूजे दश दिक्पाल… तुम भुवनों के प्रतिपालll
ऋतुएं तुम्हारी दासी, तुम शाश्वत अविनाशी… शुभकारी अंशुमानll
!! ॐ जय सूर्य भगवान !!
ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान…
जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा…स्वरूपाll
धरत सब ही तव ध्यान ll
!! ॐ जय सूर्य भगवान !!
आप सूर्यदेव जी की आरती के अलावां सूर्य नमस्कार मंत्र का जाप करते हुए प्रातः काल में तुलसी माँ को अर्घ्य देते हुए जय तुलसी माता का उच्चारण करें। ऐसा करने से सूर्यदेव की कृपा आप पर सदैव बना रहता है। जिसके परिणामस्वरूप आपका दिन और भी ऊर्जावान बन जाता है।
भगवान सूर्यदेव की आरती करने की विधि
- सूर्योदय से पहले उठना – भगवान आरती करते समय यह ध्यान रखना होगा की आप सूर्योदय होने से पहले ही उठ जाये।
- स्नान – उठने के बाद आप स्नान कर ले।
- वस्त्र धारण – स्नान करने के बाद आप चाहे तो भीगे वस्त्र में ही अर्घ्य दे या साफ और सूखे कपड़े पहनकर अर्घ्य दे।
- अर्घ्य सामग्री – ताम्बे या पीतल का लोटा, साफ जल, रोली, सिंदूर, चंदन, अक्षत, फूल इत्यादि सामग्री एकत्रित कर ले और जल में मिलाकर जल चढ़ाये।
- मन्त्र जाप – अर्घ्य देते समय आप “ॐ सूर्याय नमः” का जाप करें।
- आरती – जाप खत्म करने के बाद आप सूर्य भगवान की आरती करें।
- आशीर्वाद – आरती खत्म करने के बाद आप भगवान भास्कर से आशीर्वाद पाने के लिए प्रार्थना करें।
- ध्यान योग्य बातें – याद रखे अलग – अलग समस्याओं के लिए जल में अलग -अलग सामग्री मिलाकर जल चढ़ाया जाता है।
सूर्यदेव जी की आरती करने के लाभ
- ग्रहप्रभाव से मुक्ति – आरती करने से आप के जीवन में जो भी ग्रह दोष होते हैं उनसे मुक्ति मिलती है।
- बिमारियों से मुक्ति – भगवान की आरती व पूजा करने से अनेक बिमारियों से मुक्ति मिलती है।
- कार्यों में सफलता – भगवान भास्कर की आरती करने से आप के सभी कार्य सफल होते हैं।
- सौभाग्य की प्राप्ति – कृपा से ही आप को सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
- कुंडली में सूर्य – किसी के कुंडली में सूर्य कमजोर स्थिति में है तो इनकी आरती करने से वो मजबूत स्थिति में हो जायँगे।
FAQ
आरती कब करनी चाहिए ?
आप के पास समय है तो तो प्रतिदिन और समय न होने पर रविवार के दिन आरती करना चाहिए।
भगवान सूर्य को आरती और अर्घ्य कितने बजे देना चाहिए ?
सुबह में 6 बजे से 7 बजे तक का समय आरती और अर्घ्य के लिए उत्तम माना जाता है।
सूर्य भगवान को प्रसन्न करने के लिए क्या करना चाहिए ?
जल में मिश्री मिलाकर जल चढ़ाना चाहिए।
अर्घ्य किस दिशा में देना चाहिए ?
पूर्व दिशा यानी सूर्य की तरफ मुख करके अर्घ्य दे।
सूर्य भगवान को जल कैसे चढ़ाये ?
तीन बार में यानी पहला अर्घ्य देने पर एक परिक्रमा फिर दूसरा और तीसरा इसी तरह पूरा करें।
I am Shri Nath Pandey and I am a priest in a temple, which is located in Varanasi. I have been spending my life worshiping for the last 6 years. I have dedicated my soul completely to the service of God. Our website is a source related to Aarti, Stotra, Chalisa, Mantra, Festivals, Vrat, Rituals, and Sanatan Lifestyle.