रामायण के सात काण्ड में कोई नही है ऐसा सुन्दरकाण्ड के जैसा

रामायण के सात काण्ड में कोई नहीं है ऐसा सुंदरकाण्ड के जैसा भजन सुंदरकाण्ड की महिमा का गुणगान करता है। रामायण के सभी कांड अपने आप में महत्वपूर्ण हैं, लेकिन सुंदरकाण्ड विशेष स्थान रखता है क्योंकि इसमें हनुमान जी की अपार भक्ति, शक्ति और बुद्धिमानी का अद्भुत वर्णन किया गया है। यह भजन हमें हनुमान जी के चरित्र की महानता को समझने और उनके आशीर्वाद से जीवन की कठिनाइयों को पार करने की प्रेरणा देता है। सुंदरकाण्ड पाठ करने से न केवल मन को शांति मिलती है, बल्कि जीवन में आने वाली बाधाएँ भी दूर हो जाती हैं।

Ramayan Ke Saat Kand Mien Koi Nahi Hai Aisa Sundarkand Ke Jaisa

रामायण के सात काण्ड में,
कोई नही है ऐसा।
सुन्दरकाण्ड के जैसा,
सुन्दरकाण्ड के जैसा॥
घर घर में गाया जाता है,
कौन सा ग्रंथ है ऐसा।
सुन्दरकाण्ड के जैसा,
सुन्दरकाण्ड के जैसा॥

सुन्दरकाण्ड में बालाजी की,
लीला बड़ी है भारी।
पग-पग पर श्री राम की जिसने,
विपदा हर ली सारी॥
लांघ समंदर लंका जलाना,
शौर्य नही कहीं ऐसा।
सुन्दरकाण्ड के जैसा,
सुन्दरकाण्ड के जैसा॥

वार तिथि मुहूर्त मत देखो,
जब भी समय हो गालो।
रामायण का सार है इसमें,
माथे इसे लगा लो॥
इतना सरल है हर कोई पढ़ले,
शास्त्र नही कोई ऐसा।
सुन्दरकाण्ड के जैसा,
सुन्दरकाण्ड के जैसा॥

सुन्दरकाण्ड में बालाजी की,
तेज भरी चौपाईयां।
नियमित पढ़ने से भगतों,
मिटती गम की परछाईयां॥
‘अम्बरीष’ बोले कर नही सकता,
चमत्कार कोई ऐसा।
सुन्दरकाण्ड के जैसा,
सुन्दरकाण्ड के जैसा॥

रामायण के सात काण्ड में,
कोई नही है ऐसा।
सुन्दरकाण्ड के जैसा,
सुन्दरकाण्ड के जैसा॥
घर घर में गाया जाता है,
कौन सा ग्रंथ है ऐसा।
सुन्दरकाण्ड के जैसा,
सुन्दरकाण्ड के जैसा॥

सुंदरकाण्ड केवल एक कथा नहीं, बल्कि यह हनुमान जी की अटूट भक्ति, पराक्रम और निष्ठा का प्रतीक है। Ramayan Ke Saat Kand Mien Koi Nahi Hai Aisa Sundarkand Ke Jaisa भजन यह दर्शाता है कि कैसे हनुमान जी ने अपनी बुद्धि और शक्ति से लंका में माता सीता की खोज की और प्रभु श्रीराम का संदेश पहुँचाया। इस कांड में भक्तों को यह शिक्षा मिलती है कि सच्चे संकल्प, समर्पण और भक्ति से हर कठिनाई को पार किया जा सकता है।

यह भजन हमें यह प्रेरणा देता है कि जब भी जीवन में संकट आएं, तो हमें सुंदरकाण्ड का पाठ करना चाहिए और हनुमान जी का स्मरण करना चाहिए। उनकी कृपा से हर संकट का समाधान मिलता है और मन को आत्मबल प्राप्त होता है। जय श्रीराम! जय बजरंगबली!

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