श्री हरी स्तोत्रम | Shri Hari Stotram Lyrics : मनोकामनाओं की पूर्ति

श्री हरी स्तोत्रम भगवान विष्णु का एक शक्तिशाली मंत्र है। इस Shri hari stotram lyrics का पाठ स्वामी ब्रह्मानन्दं द्वारा किया गया  है। इसका पाठ करने से आप भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी का भी आशीर्वाद और कृपा प्राप्त करते हैं। 

आप स्वयं इस श्री हरी स्तोत्रम लिरिक्स के द्वारा पाठ करके श्री विष्णु जी आशीर्वाद प्राप्त करते है और भक्तों के सभी दुख को खत्म कर देते हैं तथा आप के जीवन को खुशियों से भर देते हैं।

Shri Hari Stotram Lyrics

जगज्जालपालं चलत्कण्ठमालं
शरच्चन्द्रभालं महादैत्यकालं
नभोनीलकायं दुरावारमायं
सुपद्मासहायम् भजेऽहं भजेऽहं !! 1 !!

सदाम्भोधिवासं गलत्पुष्पहासं
जगत्सन्निवासं शतादित्यभासं
गदाचक्रशस्त्रं लसत्पीतवस्त्रं
हसच्चारुवक्त्रं भजेऽहं भजेऽहं !! 2 !!

रमाकण्ठहारं श्रुतिव्रातसारं
जलान्तर्विहारं धराभारहारं !!
चिदानन्दरूपं मनोज्ञस्वरूपं
ध्रुतानेकरूपं भजेऽहं भजेऽहं !! 3 !!

जराजन्महीनं परानन्दपीनं
समाधानलीनं सदैवानवीनं !!
जगज्जन्महेतुं सुरानीककेतुं
त्रिलोकैकसेतुं भजेऽहं भजेऽहं !! 4 !!

कृताम्नायगानं खगाधीशयानं
विमुक्तेर्निदानं हरारातिमानं !!
स्वभक्तानुकूलं जगद्व्रुक्षमूलं
निरस्तार्तशूलं भजेऽहं भजेऽहं !! 5 !!

समस्तामरेशं द्विरेफाभकेशं
जगद्विम्बलेशं ह्रुदाकाशदेशं !!
सदा दिव्यदेहं विमुक्ताखिलेहं
सुवैकुण्ठगेहं भजेऽहं भजेऽहं !! 6 !!

सुरालिबलिष्ठं त्रिलोकीवरिष्ठं
गुरूणां गरिष्ठं स्वरूपैकनिष्ठं !!
सदा युद्धधीरं महावीरवीरं
महाम्भोधितीरं भजेऽहं भजेऽहं !! 7 !!

रमावामभागं तलानग्रनागं
कृताधीनयागं गतारागरागं !!
मुनीन्द्रैः सुगीतं सुरैः संपरीतं
गुणौधैरतीतं भजेऽहं भजेऽहं !! 9 !!

इदं यस्तु नित्यं समाधाय चित्तं
पठेदष्टकं कण्ठहारम् मुरारे: !!
स विष्णोर्विशोकं ध्रुवं याति लोकं
जराजन्मशोकं पुनर्विन्दते नो !! 10 !!

अपने दिन को और भी ज्यादा भक्तिमय बनाने के लिए आप भगवान Krishna Aarti, Vishnu Ji Ki Aarti, brihaspati dev ki aarti, Brihaspativar Vrat Katha Aarti का पाठ कर सकते हैं जो आपके लिए लाभकारी हो सकते हैं। इससे भगवान की कृपा सदैव आप पर बनी रहेगी।

स्तोत्रम करने की विधि

  1. स्नान – आप सुबह उठकर नित्यक्रिया करके स्नान करना चाहिए उसके  बाद ही पूजा के लिए तैयारी करना चाहिए। 
  2. पूजास्थान – आप पूजा स्थान को भी साफ और स्वछ करले।
  3. पूजनसामग्री – आप विष्णु पूजा के लिए धुप, पीला वस्त्र, पिले रंग की मिठाई, पीला फूल, चंदन, रोली तथा तुलसी इत्यादि से पूजा थाली को सजा ले।
  4. गणेश लक्ष्मी पूजा – इस स्तुति को करने से पहले आप भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा अवश्य करें इनकी पूजा करने से सब शुभ  होता है।
  5. श्री हरी स्तोत्र पाठ – आप पूरी श्रद्धा और ध्यान से इस पाठ का जाप करें। ध्यान रहे की जाप करते समय आप बिच में बिलकुल न उठे पाठ खत्म करने के बाद ही पूजास्थान से उठे।
  6. आरती – पूजा के  अंत में विष्णु जी की आरती करें।
  7. प्रसाद – इसके बाद आप भगवान विष्णु को प्रसाद का भोग लगा के लोगों में बाटे तथा खुद भी प्रसाद खाकर अपना उपवास खत्म करें। 

स्तोत्रम पाठ करने के लाभ –

  • स्वास्थ्य में सुधार – नियमित पाठ करने से बीमार व्यक्ति का सेहत सुधरने लगता है और आप का स्वास्थ्य हमेशा बना रहते है।
  • जीवन में सफलता – इस स्तोत्र का जाप करने से आप के जीवन में हमेशा सफलता मिलती रहती है।
  • संकटों से मुक्ति – भगवान विष्णु के इस स्तुति से आप के जीवन में जो भी संकट आने वाले होंगे  वो सभी खत्म होजाते हैं।
  • इच्छापूर्ति – नियमित करने से आप की  मांगी हुयी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।
  • सुख -शांति – इस स्तोत्र को सच्ची श्रद्धा से करने से आप के घर में सुख -शांति बनी रहती है तथा परिवार सम्पन्न और एकता हमेशा बना रहता है।

FAQ

श्री हरी स्तोत्रम का पाठ किस दिन करना चाहिए ?

हर गुरुवार के दिन इस स्तोत्रम का पाठ करना चाहिए।

क्या स्तोत्र का नियमित पाठ करना चाहिए ?

भगवान हरी अर्थात विष्णु जी को कौन सा रंग प्रिय है ?

पूजासामग्री में कौसी वस्तु होना अत्यंत आवश्यक है ?

श्री हरी का अर्थ क्या है ?

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