शनि देव के 10 नाम : जाप से मिलती है विशेष कृपा और कष्टों से मुक्ति

शनि देव मनुष्य के अच्छे और बुरे कर्मों के आधार पर उसे फल प्रदान करने वाले देवता माने जाते हैं। उनके अलग-अलग नाम उनकी विभिन्न शक्तियों और गुणों को दर्शाते हैं, जिनमे से शनि देव के 10 नाम बहुत शक्तिशाली और महत्पूर्ण है। Shani Dev ke 10 Naam का जाप करने से न केवल उनका महत्व समझ में आता है, बल्कि उनकी कृपा भी प्राप्त होती है।

Shani Dev Ke 10 Naam

  1. कोणस्थ – जो एक निश्चित स्थान (कोण) पर स्थित रहते हैं, अर्थात् स्थिर स्वभाव वाले।
  2. पिंगल – ताम्र या पीले रंग के तेजस्वी स्वरूप वाले।
  3. बभ्रु – गहरे भूरे या काले रंग वाले।
  4. कृष्ण – श्याम वर्ण (गहरे नीले या काले रंग) वाले।
  5. रौद्रान्तक – अत्यंत उग्र और दुष्टों का अंत करने वाले।
  6. यम – न्याय के देवता, जो कर्मों के अनुसार फल देते हैं।
  7. सौरि – सूर्य देव के पुत्र, सूर्यवंशी।
  8. शनैश्चर – धीरे-धीरे चलने वाले, धीमी गति से गोचर करने वाले।
  9. मंद – धीमी गति से चलने वाले और धैर्यवान।
  10. पिप्पलाद – ऋषि पिप्पलाद के द्वारा पूजित या उनका भक्त।
Shani Dev Ke 10 Naam

कोणस्थ – जो एक निश्चित स्थान (कोण) पर स्थित रहते हैं, अर्थात् स्थिर स्वभाव वाले।

पिंगल – ताम्र या पीले रंग के तेजस्वी स्वरूप वाले।

बभ्रु – गहरे भूरे या काले रंग वाले।

कृष्ण – श्याम वर्ण (गहरे नीले या काले रंग) वाले।

रौद्रान्तक – अत्यंत उग्र और दुष्टों का अंत करने वाले।

यम – न्याय के देवता, जो कर्मों के अनुसार फल देते हैं।

सौरि – सूर्य देव के पुत्र, सूर्यवंशी।

शनैश्चर – धीरे-धीरे चलने वाले, धीमी गति से गोचर करने वाले।

मंद – धीमी गति से चलने वाले और धैर्यवान।

पिप्पलाद – ऋषि पिप्पलाद के द्वारा पूजित या उनका भक्त।

जो भी व्यक्ति Shani Dev Ke 10 Naam का जप करता है, वह जीवन में आने वाली सभी बाधाओं को दूर कर सकता है। इसके साथ-साथ अगर कोई सच्चे मन से Shani Mantra और Shani Chalisa का पाठ करता है, तो शनिदेव की कृपा प्राप्त कर सकता है। शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए Shani Aarti गाना और शनिवार के दिन तेल अभिषेक करना शुभ माना जाता है। इसलिए, डरने के बजाय शनि देव को सही तरीके से पूजें और उनके न्यायप्रिय स्वरूप को समझें।

Shani Dev Ji Ke 10 Naam जप करने की विधि

Shani Dev Ke 10 Naam In Hindi का जप करना अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है। यदि आपकी कुंडली में साढ़े साती, ढैया या शनि महादशा का प्रभाव है, तो इन नामों के जाप से आपको राहत मिल सकती है।

  1. स्नान – प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें।
  2. पूजन सामग्री– शनि देव की प्रतिमा या चित्र के सामने बैठें, सरसों या तिल के तेल का दीपक जलाएं, और काले तिल, उड़द दाल व लोहे का टुकड़ा अर्पित करें।
  3. नाम जप – शांत मन से ध्यान केंद्रित कर Shani Dev Ji Ke 10 Naam का 108 बार जाप करें। इसके बाद ॐ शं शनैश्चराय नमः मंत्र का कम से कम 21 बार उच्चारण करें।
  4. पठ और प्रार्थना – जाप के बाद शनि चालीसा या शनि स्तोत्र का पाठ करें और शनिदेव से कृपा की प्रार्थना करें।

नियमित रूप से इस विधि का पालन करने से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन की बाधाएं दूर होती हैं।

FAQ

शनि देव के नामों का जाप किस दिन करना चाहिए?

शनिवार को इन नामों का जाप करना सबसे शुभ माना जाता है, लेकिन प्रतिदिन जप करने से विशेष कृपा मिलती है।

क्या शनि देव के 10 नामों के साथ किसी अन्य मंत्र का भी जाप किया जा सकता है?

शनि देव के नामों का जाप किस समय करना चाहिए?

क्या इनके 10 नामों का जाप करने से शनि साढ़े साती और ढैया के प्रभाव कम हो सकते हैं?

क्या इन 10 नामों को बिना किसी गुरु के सीखे जपा जा सकता है?

Share

Leave a comment