शनि बीज मंत्र : दिव्य ऊर्जा का स्रोत

शनि देव को प्रसन्न करने और उनके आशीर्वाद से जीवन की बाधाओं को दूर करने के लिए शनि बीज मंत्र का जाप अत्यधिक प्रभावशाली माना जाता है। Shani Beej Mantra छोटा हैं लेकिन इसका प्रभाव बहुत शक्तिशाली है। आप भी नीचे दिए इस बीज मंत्र का निरंतर जाप कर शनि देव की कृपा प्राप्त करें।

यह मंत्र न केवल शनि ग्रह के नकारात्मक प्रभावों को कम करता है, बल्कि आत्मविश्वास और सकारात्मक ऊर्जा भी बढ़ाता है। Shani Dev Beej Mantra कुछ इस प्रकार से है-

Shani Beej Mantra

॥ ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः ॥

Shani Beej Mantra

॥ ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः ॥

शनि बीज मंत्र एक शक्तिशाली साधन है, जिससे व्यक्ति अपने जीवन की रुकावटों को दूर कर सकता है और सफलता की ओर बढ़ सकता है। यदि आप शनि चालीसा, शनि स्तोत्र, या शनि मंत्र का जाप भी इस मंत्र के साथ करते हैं, तो यह और अधिक लाभकारी होता है। इसलिए, सही विधि से मंत्र का जाप करें और शनि देव की कृपा प्राप्त करें।

Shani Ka Beej Mantra जाप करने की विधि

Shani Beej Mantra जप करने की विदी सभी स्थानों पर एक समान नहीं होती है, इसलिए आप अपनी विधि से भी मंत्र जाप कर सकते है। लेकिन हमने यहां मंत्र जाप करने की एक सामन्य विधि दी है, जो आपके लिए उपयोगी हो सकती है-

  1. स्नान – जाप करने से पहले प्रातः स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थान को भी शुद्ध करें।
  2. आसन – काले या लाल आसन पर बैठकर पूर्व या पश्चिम दिशा की ओर मुख करके जाप करें।
  3. संकल्प – मन में शनि देव को समर्पित संकल्प लें और अपनी मनोकामना बताएं।
  4. दीपक जलाएं – सरसों के तेल का दीपक जलाकर शनि देव को प्रणाम करें।
  5. माला का उपयोग – रुद्राक्ष या काली हकीक माला से 108 बार Shani Dev Ka Beej Mantra का जाप करें।
  6. समर्पण – जाप के बाद शनि देव को नीले या काले फूल, काले तिल और सरसों का तेल अर्पित करें।
  7. नियमितता – लगातार 40 दिन तक इस मंत्र का जाप करने से अधिक लाभ मिलता है।

यदि इसे ऐसे ही विधिपूर्वक और श्रद्धा के साथ जपा जाए, तो यह भाग्य को प्रबल बनाने, करियर में सफलता पाने, और मानसिक शांति बनाए रखने में सहायक होता है।

FAQ

इस मंत्र का जाप कब करना चाहिए?

मंत्र को किसी विशेष समय पर ही जपना चाहिए?

क्या मंत्र का जाप करने के लिए उपवास रखना जरूरी है?

यह आवश्यक नहीं है, लेकिन यदि शनिवार का व्रत रखा जाए तो इसका प्रभाव अधिक शुभ होता है।

इसके जाप के लिए कौन-सी माला उपयुक्त है?

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